बिजली कर्मचारियों का पैसा वापस करेगा DHFL, इन पर होगी कड़ी कार्रवाई

वहीं भ्रष्टाचार के आरोप में 80 विद्युत इंजीनियरों पर कार्रवाई की तैयारी भी चल रही है। इसके लिए पावर कारपोरेशन में विजिलेंस की टीम ने जांच शुरू कर दी है।

Update: 2019-11-12 13:48 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के भविष्य निधि कापैसा लौटाने के लिए डीएचएफएल ने उच्च न्यायालय से अनुमति मांगी है। कंपनी ने अदालत से सावधि जमा पर ब्याज व मूलधन के भुगतान पर लगी रोक हटाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि वह कर्मचारियों का पैसा वापस करने को लेकर प्रतिबद्ध है। मुंबई उच्च न्यायालय ने रिलायंस निप्पोंन की ओर से दायर एक याचिका के आधार पर बीते महीने डीएचएफएल को किसी तरह का भुगतान किए जाने पर रोक लगा दी थी।

सार्वजनिक जमा पर भुगतान की मंजूरी मांगी

मीडिया को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब डीएचएफएल के चेयरमैन कपिल वाधवान ने कहा है कि डीएचएफएल ने मुंबई उच्च न्यायालय से अपनी जमा योजनाओं के भुगतान की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया है। रिलायंस निपप्पान की याचिका पर अपना अंतरिम जवाब देते हुए डीएचएफएल ने कहा कि कंपनी के नियामकनेशनल हाउसिंग बैंक के निर्देशानुसार सार्वजनिक जमा पर भुगतान करना जरूरी है।

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डीएचएफएल ने एक शपथपत्र दाखिल कर सोमवार को उच्च न्यायालय से परिपक्वता पर सार्वजनिक जमा पर भुगतान की मंजूरी मांगी है। इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाईहोनी है। डीएचएफएल का कहना है कि उसने इस साल 30 सितंबर तक परिपक्वता परपावर सेक्टर एम्पलाईज ट्रस्ट को नियमित रूप से ब्याज और मूलधन का पूरा भुगतान किया है। कंपनी का कहना है किहाईकोर्ट से अनुमति मिलते ही वह परिपक्वता पर सभी सावधि जमा का भुगतान करने केलिए प्रतिबद्ध है। पावर सेक्टर इम्पलाईज ट्रस्ट बिजली कर्मचारियों के भविष्य निधिका प्रबंधन करता है।

कंपनी की ओर से सितंबर तक का पूरा भुगतान किया जा चुका है

डीएचएफएल ने आज जारी एक पत्र में कहा है कि उसे ट्रस्ट ने समय समय पर अलग अलग अवधि के मियादी जमा पर कोटेशन जमा करने के लिए आमंत्रित किया थाऔर पहली बार मांर्च 2017 में इसने पावर सेक्टर इम्पलाईज ट्रस्ट की जमा धनराशि स्वीकार की। डीएचएफएल ने मियादी जमा स्वीकार करते समय सभी नियमों को पूरा किया। उसके बाद और 30 सितम्बर 2019 तकडीएचएफएल ने परिपक्वता पर पावर सेक्टर एम्पलाईज ट्रस्ट को नियमित रूप से ब्याज और मूलधन का पूरा भुगतान किया है,और कंपनी की ओर से सितंबर तक का पूरा भुगतान किया जा चुका है।

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कंपनी का कहना है कि रिलाएंस निपोन की ओर से 2019 दायर एक व्यावसायिक याचिका पर सुनवाई करते हुएबाम्बे हाईकोर्ट ने 30 सितम्बर 2019 और 10 अक्टूबर 2019 ने कंपनी को अपने सुरक्षितव असुरक्षित देनदारों को भुगतान करने से रोक दिया है। इसमें सावधि जमाधारकोंको किया जाने वाला भुगतान भी शामिल है।

80 विद्युत इंजीनियरों पर कार्रवाई की तैयारी

वहीं भ्रष्टाचार के आरोप में 80 विद्युत इंजीनियरों पर कार्रवाई की तैयारी भी चल रही है। इसके लिए पावर कारपोरेशन में विजिलेंस की टीम ने जांच शुरू कर दी है। इस कार्रवाई में दो चीफ इंजीनियर,सात अधीक्षण अभियंता,15 अधिशासी अभियंता,23 असिस्टेंट इंजीनियर और 35 कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इन सभी पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी जांच चल रही है।

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कई शहरों में है अवैध कमाई की संपत्ति

बता दें कि ऊर्जा मंत्री ने इन सभी पर पहले ही जांच के आदेश दे दिए थे। लखनऊ,नोएडा,इलाहाबाद, वाराणसी सहित कई शहरों में इन इंजीनियरों की अवैध कमाई की संपत्ति है। जानकारी के अनुसार विजिलेंस की टीम शिकंजा कस रही है।

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