Lok Sabha Election 2024: डिंपल के खिलाफ अखिलेश के करीबी ने कर दी बगावत, पहली लिस्ट आते ही सपा को लगा बड़ा झटका
Lok Sabha Election 2024: सूची में यादव परिवार के तीन सदस्यों के नाम भी शामिल हैं। जिनमें एक नाम मैनपुरी से मौजूदा सांसद और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का है।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। सत्तारूढ़ एनडीए हो या विपक्षी इंडिया दोनों गठबंधन इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। सबसे अधिक सांसदों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में चुनाव को लेकर जबरदस्त गहमागहमी है। मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी ने तो उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है, जिनमें 16 सीटों पर कैंडिडेट फाइनल किए गए हैं।
इस सूची में यादव परिवार के तीन सदस्यों के नाम भी शामिल हैं। जिनमें एक नाम मैनपुरी से मौजूदा सांसद और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का है। एकबार फिर वो यादव परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाने वाली मैनपुरी से चुनाव मैदान में होंगी। हालांकि, अखिलेश का ये फैसला उनके एक करीबी नेता को ही रास नहीं आया और उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया।
मैनपुरी से आने वाले सपा नेता और बड़े उद्योगपति मनोज यादव ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने जाते-जाते सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव पर निशाना भी साधा। यादव ने कहा कि सपा में पारिवारिक कलह तो है ही साथ ही स्थानीय स्तर पर नेताओं की चाटुकारिता भी चरम पर है, लोग एक – दूसरे की टांग-खींचने में लगे रहते हैं।
शिवपाल पर निशाना और योगी सरकार की तारीफ
आरसीएल ग्रुप के मुखिया मनोज यादव ने पूर्ववर्ती सपा सरकार से वर्तमान की भाजपा सरकार को बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार बिना किसी पक्षपात के काम कर रही है। उनकी कंपनी के पास भी करोड़ों के काम हैं, जबकि सपा सरकार में काम मिलने में बहुत दिक्कत आती थी, खासकर शिवपाल यादव से।
अखिलेश के करीबी माने जाते थे मनोज
मनोज यादव का वर्तमान ठिकाना मैनपुरी का स्टेशन रोड है लेकिन वे मूलरूप से करहल विधानसभा क्षेत्र के गांव नगला राजा के रहने वाले हैं। अखिलेश यादव इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। मनोज यादव ने उनके और उनकी पत्नी डिंपल यादव के चुनाव प्रचार में काफी पसीना बहाया था। बताया जाता है कि मनोज यादव का शुरू में सियासत से कोई वास्ता नहीं था। वह लोक निर्माण विभाग में कार्यरत थे।
अखिलेश यादव से जान पहचान होने के बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। 2016 में सपा के टिकट पर घिरोर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी जीते। हालांकि, इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से खुद को दूर कर लिया और पर्दे के पीछे से सपा के लिए काम करने लगे। उन्होंने मैनपुरी में यादव परिवार के चुनावी अभियान को हमेशा सहयोग दिया। मनोज को अखिलेश के साथ-साथ उनके चचेरे भाई तेज प्रताप यादव का भी करीबी माना जाता है, तेज प्रताप मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं।
क्या डिंपल के खिलाफ लड़ेंगे मनोज ?
मैनपुरी समाजवादी पार्टी या कहें कि यादव परिवार का गढ़ माना जाता है। प्रचंड मोदी लहर में भी यह सीट पार्टी के हाथ से नहीं गई। आजमगढ़ और रामपुर जैसी सुरक्षित सीट भले उपचुनाव में सपा ने गंवा दी हो लेकिन मैनपुरी में उसका जलवा बरकरार है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी बहू डिंपल यादव ने 2022 का उपचुनाव यहां से लड़ा और भारी अंतर से जीता।
बीजेपी को यहां एक मजबूत प्रत्याशी की तलाश है। जो यादव परिवार के इस किले को भेद सके। मनोज यादव ने जिस तरह से सपा की आलोचना करते हुए वर्तमान भाजपा सरकार के कसीदे पढ़े हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि वह भगवा दल के संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि, मनोज यादव ने अभी तक बीजेपी में जाने को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा है।