STF का खुलासा-फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से नौकरी करने में 13 टीचर्स समेत 16 गिरफ्तार 

Update: 2018-06-19 16:54 GMT

लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग मथुरा में शिक्षक भर्ती में हुए गड़बड़ झाले का खुलासा करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन में 13 टीचर्स शामिल हैं। गिरफ्तार टीचर्स ने फर्ज़ी दस्तावेज़ों के ज़रिये बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की मिली भगत से नौकरी हासिल कर ली थी और पिछले छह माह से सेलरी ले रहे थे। एसटीएफ के हाथों का गैंग का मास्टरमाइंड महेश शर्मा भी हाथ लगा है जिस को रिमाण्ड पर लेकर पूछताछ की जायेगी। महेश शर्मा बीएसए आफिस मथुरा में लम्बे वक़्त से तैनात है।

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एसटीएफ ने किया गैंग का खुलासा

एडीजी क़ानून व्यवस्था आनन्द कुमार ने बताया कि एसटीएफ ने शिकायत के छापेमारी कर 16 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद बीएसए दफ्तर को सील कर दिया है। उन्होंने बताया कि अफसरों की मिली भगत से बिना फ़ार्म भरे ही 10 - 10 लाख रूपए में अपात्र टीचर्स को भर लिया गया था। उन्होंने इस मामले में बीएसए की भूमिका संदिग्ध बताते हुए मामले की जांच कराने को कहा है। एडीजी ने बताया कि ज़रुरत पड़ी तो एसआईटी का गठन कर प्रदेश भर में जहां जहां भर्तियां हुई हैं। उस की जांच कराई जायेगी।

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एसटीएफ की आगरा यूनिट ने मथुरा में छापेमारी कर मनीष कुमार शर्मा, विन्देश कुमार, देवेंद्र शिकरवार, दीप करण, मनोज कुमार वर्मा, तेजवीर सिंह आर्या, पायल शर्मा, भूपेंद्र कुमार और योगेंद्र सिंह परमानेंट टीचर थी। जबकि सुभाष, रवेंद्र सिंह और पुष्पेंद्र सिंह टीचर के साथ साथ भर्ती में दलाली की भूमिका में भी थे। एसटीएफ के हाथों बीएसए दफ्तर के तीन कम्प्यूटर आपरेटर चिंदानन्द उर्फ़ चेतन, मोहित भारद्वाज और राधा कृष्ण भी लगे हैं। जिन्होंने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के ज़रिये नियुक्ति पत्र जारी किया था।

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