योगीराज में दबंग हुए हुए डॉक्टर, जमीन पर प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला

Update: 2018-07-01 10:14 GMT

शाहजहांपुर : योगीराज में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या आलम है, ये हम आपको बताएंगे। यहां जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को डॉक्टर ने दुत्कार के भगा दिया। महिला एक घंटे तक अस्पताल के बाहर जमीन पर पड़ी तड़पती रही। लेकिन किसी का दिल नही पसीजा। जमीन पर पड़ा देख लोगों ने जब गुस्सा जाहिर किया तब महिला को भर्ती किया जा सका। उसके बाद महिला ने बीस मिनट के बाद ही बच्चे को जन्म दिया। इस मामले पर सीएमएस का कहना है कि मरीज और उसके साथ आई आशा बहु की गलती है।

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मामला थाना चौक कोतवाली के महिला जिला अस्पताल का है। यहां बीते शनिवार की रात करीब 9 बजे लखीमपुर खीरी के थाना पसगवां के जगंबहादुरगंज निवासी शिवपाल अपनी 35 वर्षीय पत्नी रामकन्या को प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल लाया था। पति के मुताबिक वह आशा बहु के साथ अपनी पत्नी को जिला अस्पताल लाया तो मेरी पत्नी दर्द से तड़प रही थी। हमने डाक्टर रोशी गजाला से पत्नी को भर्ती करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने साफ इंकार कर दिया। आरोप है की डॉक्टर ने मरीज को अस्पताल से बाहर भगा दिया।

शिवपाल कहते हैं, पत्नी की प्रसव पीड़ा बढ़ती जा रही थी। इसलिए हमने और साथ मे आई आशा बहु ने पत्नी को जिला अस्पताल के प्रशासनिक भवन के बाहर लिटा दिया। जहां वह दर्द से एक घंटे तक तड़पती रही। लेकिन उसे देखने वाला कोई नही था। तभी आसपास खड़े लोगों ने जब जमीन पर महिला को देखा तो गुस्साए लोगों ने सीएमएस रनजीत दीक्षित से शिकायत की। सूचना मिलते ही सीएमएस ने महिला को भर्ती कराया और डॉक्टर को तलब किया।

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डॉक्टर गजाला ने सफाई देते हुए कहा कि वह लेबर रूम मे थी। सभी आरोप गलत है। उसके बाद सीएमएस ने पीड़ित परिवार की बात सुने बिना ही आशा बहु को फटकार लगा दी। वहीँ भर्ती होने के बीस मिनट के बाद ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया।

सीएमएस दीक्षित का कहना है कि गर्भवती महिला के साथ आई आशा मरीज को बाहर लेकर गई थी। डॉक्टर उस वक्त लेबर रूप मे थी। आशा को फटकार लगाकर छोड़ दिया है।

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