Environment Conclave: पर्यावरण कॉन्क्लेव प्रदर्शनी में डाइविंग सूट, बैम्बू के उत्पाद मुख्य आकर्षण

Environment Conclave: इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यावरण कांक्लेव का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कांक्लेव में पर्यावरण चर्चा के साथ ही विभिन्न प्रदेशों के मुख्य पदार्थों की प्रदर्शनी भी दर्शकों को देखने को मिली। इस प्रदर्शनी में विभिन्न प्रदेशों के पर्यावरण और वन विभाग़ मंत्रालय ने हिस्सा लिया।

Update:2023-04-11 23:14 IST
Environment Conclave exhibition

Environment Conclave: इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित दो दिवसीय पर्यावरण कांक्लेव में विभिन्न प्रदेशों के प्रमुख उत्पादों की लगी प्रदर्शनी। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यावरण कांक्लेव का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कांक्लेव में पर्यावरण चर्चा के साथ ही विभिन्न प्रदेशों के मुख्य पदार्थों की प्रदर्शनी भी दर्शकों को देखने को मिली। इस प्रदर्शनी में विभिन्न प्रदेशों के पर्यावरण और वन विभाग़ मंत्रालय ने हिस्सा लिया।

विभिन्न पदार्थों की लगी प्रदर्शनी

पर्यावरण चर्चा के साथ ही कांक्लेव में विभिन्न प्रदेशों के मुख्य पदार्थों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में बाजरा और अन्य मोटे अनाज के उत्पाद से लेकर जीवगतिविज्ञान के पदार्थों को प्रदर्शित किया गया।

केरल, आसाम और सिक्किम ने दर्शाए बैम्बू के पदार्थ

केरल के स्टॉल में बेरोज़गार महिला ट्रेनिंग कार्यशाला के 268 लाभारतियों द्वारा बैम्बू से बने विभिन्न पदार्थों को दर्शाया गया। दूसरी ओर सिक्किम के स्टॉल में बैम्बू से बनी पानी की बॉटल, जग, शोपीस का प्रदर्शन किया गया।

उत्तर प्रदेश की आपदा प्रतिक्रिया कोष ने लगाया स्टॉल

उत्तर प्रदेश की आपदा प्रतिक्रिया कोष ने डाइविंग सूट और बचाव उपकरणों को मुख्य अतिथि और दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया। उत्तर प्रदेश के वाराणसी से स्क्रैपशाला कम्पनी जो स्क्रैप से प्रतिदिन प्रयोग में आने वाले पदार्थ जैसे- झुमके, बैग, फ़ोटो फ़्रेम, चॉपिंग बोर्ड आदि बनाती है। स्क्रैपशाला कम्पनी के प्रतिनिधि कहते है “हमारी कम्पनी पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित की जाती है। इस कम्पनी का उद्देश्य वर्ष 2025 तक लगभग 1000 महिलाओं को रोज़गार प्रदान कर स्वतंत्र बनाना है।
उत्तर प्रदेश के वन विभाग द्वारा “अमृत वन” का एक मॉडल दर्शाया गया है। अमृत वन पहल के तहत सभी प्रदेशों में लगभग 75 वृक्ष और एक जल निकाय बनाने का लक्ष्य है।

नेशलन क्लाइमेंट कान्क्लेव में मीडिया की भूमिका के अमूल्य सुझावों को आत्मसात कर उनके सुझाव लिए

पर्यावरण कांक्लेव में जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण संवर्धन पर मीडिया की भूमिक व स्थानीय स्तर पर मीडिया के रोल विषय पर उपस्थित मीडिया कर्मियों द्वारा विस्तृत चर्चा की गई। भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संवर्धन एवं जलवायु परिवर्तन पर किये जा रहे सार्थक कार्यों को एक जनांदोलन के रूप में परिवर्तित करने के विषय पर कांक्लेव के प्रथम दिन मंगलवार को मंथन किया गया।
दो दिवसीय पर्यावरण कांक्लेव का उत्तर प्रदेश वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और इंडो-अमेरिकी चेम्बर ओफ़ कामर्स, लखनऊ चैप्टर के सहयोग से आयोजित किया गया।

Tags:    

Similar News