Sonbhadra News: समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही पर मंडलायुक्त खफा, लेखपाल को किया निलंबित, कईयों का रोका वेतन
Divisional commissioner angry over negligence in resolving problems in Sonbhadra Lekhpal suspended;
सोनभद्र: समस्याओं के निस्तारण में लापरवाही पर मंडलायुक्त खफा
Sonbhadra News: दुद्धी में शनिवार को आयोजित तहसील समाधान दिवस में जहां मंडलायुक्त विंध्याचल मंडल योगेश्वर राम मिश्रा ने दुद्धी में मौजूद रहकर शिकायतों की सुनवाई की। वहीं समाधान दिवस (Samadhan Divas) और इस दौरान आने वाली शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही को लेकर उनके तेवर तल्ख बने रहे। जहां गुलालझरिया लेखपाल को निलंबित (Gulaljharia Lekhpal suspended) करने का निर्देश दिया। वहीं नलकूप से जुड़े विभाग के सहायक अभियंता, अवर अभियंता, एडीओ कृषि, एडीओ सहकारिता म्योरपुर, सीएचसी अधीक्षक दुद्धी (CHC Superintendent Duddhi) सहित कई के वेतन पर रोक लगा दी। इससे हड़कंप की स्थिति बनी रही।
मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा (Divisional Commissioner Yogeshwar Ram Mishra) ने इस बात की स्पष्ट ताकीद की कि शिकायतों के निस्तारण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। अधिकारियों से सहेजा कि किसी भी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण मौके पर जाकर, संबंधित पक्षों को सुनने के बाद ही करें। पक्षपात की शिकायत मिलने और जांच में इसकी पुष्टि होने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लंबित प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध तरीके से गुणवत्तापरक निस्तारण का निर्देश दिया। कहा कि भूमि विवाद का निस्तारण केवल पुलिस महकमे से नही हो सकता, इसके लिए राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम जानी चाहिए। ताकि विवादित भूमि की वस्तुस्थिति जांचकर मामले का निस्तारण किया जा सके। उन्होंन थाने स्तर पर 10-10 प्रमुख मामलों के निस्तारण की जिम्मेदारी थानेदार और राजस्व विभाग के अधिकारियों को दी।
कमिश्नर के सामने गूंजा धूमा शौचालय घोटाला का मामला
ग्राम पंचायतों में लगातार घपलेबाजी की शिकायतें और कार्रवाई के नाम पर संबंधित अधिकारियों की तरफ से की जाती बहानेबाजी के चलते अब उच्च अधिकारियों के सामने भी इसको लेकर आवाज उठने लगी है। यहीं कारण था कि मंडलायुक्त दुद्धी तहसील में शिकायतों की सुनवाई करने पहुंचे तो वहां धूमा गांव के लोग भी शौचालय घोटाले में कार्रवाई की मांग लेकर पहुंच गए। ब्लाकस्तरीय अधिकारियों द्वारा मामले में लीपापोती करने और इसी तरह ब्लाक क्षेत्र में हुए और घोटालों को दबाने की हो रही कोशिश का आरोप लगाकर, एकबारगी कमिश्नर को भी भौंचक कर दिया। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकरण में की कार्रवाई का पूरा ब्यौरा तलब कर दिया है। किसके स्तर से लापरवाही हुई और कौन घोटाले के जिम्मेदार हैं, इसकी भी जानकारी मांगी गई है।
अधिकारी कार्यशैली में लाएं बदलाव, वरना कार्रवाई के लिए रहें तैयार
कमिश्नर ने शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि या तो उन्हें अपने काम की शैली बदलनी पड़ेगी। या फिर कार्रवाई का सामना करना पड़ा। किसी भी शिकायत के निस्तारण में हिलाहवाली या गुणवत्तापरक निस्तारण न किए जाने के मामले में कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। न ही उनके पास ऐसी कोई फरियाद आनी चाहिए कि फलां अधिकारी ने शिकायत नहीं सुनी। उन्होंने यह भी कहा कि सोनभद्र के साथ ही उन्होंने भदोही और मिर्जापुर में जनसमस्याओं तथा शिकायतों के निस्तारण के प्रति उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। जल्द ही ऐसे विभागाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई दिखनी शुरू हो जाएगी।
129 ने लगाई फरियाद, नौ का हो पाया निस्तारण
इसे कमिश्नर की हनक कहें या कुछ और..। इस दिन यहां सुनवाई के लिए 129 फरियादी पहुंचे। अन्य दिनों में यहां सौ का भी आंकड़ा नहीं छू पा रहा था। जो फरियादें आई, उनमें से तीन का मौके पर निस्तारण किया गया। जबकि छह मामलों का निस्तारण संयुक्त टीम भेजकर कराया गया। शेष के लिए जल्द निस्तारण की हिदायत दी गई। उपजिलाधिकारी दुद्धी शैलेन्द्र कुमार मिश्रा, क्षेत्राधिकारी दुद्धी आशीष मिश्रा, सीओ पिपरी प्रदीप सिंह चंदेल, तहसीलदार ब्रजेश कुमार वर्मा, कोतवाल राघवेन्द्र सिंह, बीडीओ दुद्धी समेत अन्य की मौजूदगी बनी रही।
दुद्धी को जिला बनाने को लेकर भी उठाई गई आवाज
जिला बनाओ संघर्ष मोर्चा ने शनिवार को जिला बनाओ विकास कराओ.. की आवाज बुलंद करते हुए तहसील दिवस की अध्यक्षता कर रहे मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा को ज्ञापन सौंपा। कमिश्नर ने मोर्चा द्वारा उठाई कई मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रभु सिंह, विश्वनाथ गुप्ता, प्रेमचंद यादव, रामपाल जौहरी, कुलभूषण पांडेय, अरुणोदय जौहरी, छोटेलाल, जितेन्द्र तिवारी, राकेश तिवारी, अजय, धनेंद्र जायसवाल, तबरेज अहमद, राकेश अग्रहरि, अमरावती देवी आदि का कहना था कि प्रस्तावित दुद्धी जिले के अंतिम छोर की दूरी जिला मुख्यालय से 150 से 200 किलोमीटर है।
आबादी 14 लाख तथा क्षेत्रफल 3380 किलोमीटर है। प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है। शासकीय तथा गैर शासकीय राष्ट्रीय स्तर की कई फैक्ट्रियां हैं। देश की विद्युत आवश्यकताओं के एक बड़े हिस्से की जरूरत यहीं से पूरी होती है। कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक वह आवाज उठाते रहेंगे।