अवमानना मामले में लिखित माफी मांगने पर डीएम अमेठी को मिली राहत

आदेश के बावजूद जब देापहर साढ़े बारह बजे कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई तो जिलाधिकारी हाजिर नहीं थे और न ही उनकी ओर से कोई स्पष्टीकरण ही आया । इस पर जस्टिस चन्द्रधारी सिंह की बेंच ने कड़ा रूख अपनाते हुए सरकार को निर्देश दिया कि जिलाधिकारी की साढ़े तीन बजे उपरान्ह उपस्थिति सुनिश्चित करने की जाये।

Update: 2019-11-05 15:23 GMT

विधि संवाददाता

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को अमेठी के जिलाधिकारी प्रशांत वर्मा को एक अवमानना मामले में कड़ी डांट लगायी और लिखित माफी मांगने पर ही उन्हें राहत दी। दरअसल कोर्ट ने जिलाधिकारी केा अवमानना में तलब किया था।

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आदेश के बावजूद जब देापहर साढ़े बारह बजे कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई तो जिलाधिकारी हाजिर नहीं थे और न ही उनकी ओर से कोई स्पष्टीकरण ही आया । इस पर जस्टिस चन्द्रधारी सिंह की बेंच ने कड़ा रूख अपनाते हुए सरकार को निर्देश दिया कि जिलाधिकारी की साढ़े तीन बजे उपरान्ह उपस्थिति सुनिश्चित करने की जाये।

मामले में याची पक्ष के अधिवक्ता एसपी सिंह ने बताया कि पुनः साढ़े तीन बजे जिलाधिकारी हाजिर नहीं हुए और उनकी ओर से सरकारी वकील ने 15 मिनट का और समय दिये जाने की मांग की। जिसके बाद जब जिलाधिकारी कोर्ट के समक्ष उपस्थित तो हुए तो कोर्ट ने उनके इस आचरण पर कड़ा एतराज जताया।

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साथ ही कोर्ट ने उन्हें कुछ देर तक कोर्ट में ही रुकने का निर्देश दिया। हालांकि बाद में केार्ट ने जिलाधिकारी के लिखित माफी मांगने पर उन्हें राहत दे दी।

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