लखनऊ में रेमिडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, पकड़े गए दो डाॅक्टर समेत चार
देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। हर रोज हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं।
लखनऊः देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। हर रोज हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते हुए तादाद सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है। इस दौरान रेमिडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जोरो पर है। जहां एक ओर मरीज इंजेक्शन की कमी से दम तोड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसकी धांधली तेजी से हो रही है।
बता दें कि ठाकुरगंज पुलिस ने गुरुवार देर रात एरा मेडिकल कॉलेज के पास से दो डाक्टरों समेत चार लोगों को रेमिडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 34 इंजेक्शन और 469000 रुपये बरामद किए है। पकड़े गए आरोपितों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
वहीं एडीसीपी पश्चिम राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों में सरफराजगंज निवासी डॉ. अतहर, एरा हास्टल में रहने वाले डॉ. सम्राट मूल निवासी गोंडा दुर्जनपुर और बांगरमऊ उन्नाव का विपिन कुमार, सरफराजगंज का तहजीबुल हसन है। यह सभी चारों एरा के आस पास खड़े थे।
पुलिस की थी पहले से नजर
बता दें क पुलिस की किसी ने सूचना दिया था। इसीलिए पुलिस टीम सादे कपड़े में वहा खड़ी रही। पुलिस टीम लगातार इन लोगों से फोन पर बात कर इंजेक्शन की रेट लगा रही थी। 20 हजार रुपये में तय हुआ था। पुलिस टीम के लोगों ने उन्हें बुलाया था। इस तरह से सभी आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से 34 इंजेक्शन और 469000 रुपये बारामद किए गए हैं। पूछताछ में पता चला कि इंजेक्शन चार से पांच हजार रुपये में खरीदते थे और 15 से 20 हजार रुपये में बेचते थे।
गैंग कानपुर के दलाल के संपर्क में थे
आपको बताते चले कि यह पूरा गैंग कानपुर के एक दलाल के संपर्क में थे। वह इन्हें इंजेक्शन दिलाता था। इसकी जानकारी इंस्पेक्टर ठाकुरगंज सुनील कुमार दुबे ने दिया। फिलहाल पकड़े गए आरोपितों से पुलिस दलाल के बार में पता लगाने की कोशिश में है।
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