सरकारी चिकित्सकों के लिए बड़ी खबर, सरकार ने की ये तैयारी

प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को देखते हुये प्रदेश सरकार चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु एक बार फिर बढ़ाने की तैयारी में है। आगामी चार जुलाई को इस संबंध में एक अहम बैठक के बाद इस पर फैसला लिया जा सकता है।

Update: 2019-07-01 15:45 GMT

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को देखते हुये प्रदेश सरकार चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु एक बार फिर बढ़ाने की तैयारी में है। आगामी चार जुलाई को इस संबंध में एक अहम बैठक के बाद इस पर फैसला लिया जा सकता है।

मई में 20 चिकित्सक और जून में 39 चिकित्सक सेवानिवृत्त

इससे पहले प्रदेश सरकार ने चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से 62 वर्ष करने का निर्णय किया था, जिसके चलते दो साल से सेवानिवृृत्त का सिलसिला रूका हुआ था और 31 मई 2017 से चिकित्सक सेवानिवृत्त नहीं हो रहे थे। बीते मई माह से एक बार फिर विभाग में सेवानिवृत्ति होनी शुरू हुई है। मई माह में 20 चिकित्सक और जून माह में 39 चिकित्सक सेवानिवृत्त हुए हैं।

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अब फिलहाल सभी की निगाहें इसी पर लगी हैं कि क्या सरकार सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ायेगी? और अगर करेगी तो क्या 62 वर्ष पर रिटायरमेंट का विकल्प देगी या नहीं? इसके लिए चिकित्सकों की निगाहें आगामी चार जुलाई को होने वाली बैठक पर लगी हुई है। पहले यह बैठक 26 मई को होनी थी लेकिन इसकी तिथि बढ़ा कर चार जुलाई कर दी गयी थी।

''सरकार को चिकित्सकों का विरोध झेलना पड़ेगा''

इस बारे में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की नयी कार्यकारिणी का कहना है कि सरकार को चाहिये कि अगर सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का फैसला करना है तो 62 वर्ष पर रिटायरमेंट का विकल्प अवश्य रखे। दूसरी तरफ प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के पदाधिकारी अधिवर्षता आयु बढ़ाने में विकल्प की मांग कर रहे हैं।

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पीएमएस के नये अध्यक्ष डॉ. सचिन वैश्य और महामंत्री डॉ. अमित सिंह का कहना है कि सरकार अधिवर्षता आयु बढ़ाना चाहती है तो बढ़ाये, मगर चिकित्सकों को 62 वर्ष पर सेवानिवृत्ति का विकल्प अवश्य दें जो चिकित्सक सरकारी सेवा जारी रखना चाहता है उसे रखा जाये। जो चिकित्सक सेवानिवृत्ति चाहता है उसे सेवानिवृत्त कर दिया जाये। पीएमएस पदाधिकारियों का कहना है कि अगर सरकार ने विकल्प नहीं दिया तो सरकार को चिकित्सकों का विरोध झेलना पडेगा।

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