पर्चा बनवाने की लाइन में लगी महिला ने बच्चे को दिया जन्म, अब होगी जांच
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच भी अस्पतालों मेें काम करने वाले चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को समझ में नहीं आ रहा है कि आपात स्थिति में वह पहले...
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच भी अस्पतालों मेें काम करने वाले चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों को समझ में नहीं आ रहा है कि आपात स्थिति में वह पहले मरीज को देखे या उसकी कोविड जांच कराए। ऐसा ही एक मामला आया राजधानी लखनऊ में गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में।
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ये है पूरा मामला
लोहिया संस्थान में सोमवार को एक गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए जच्चा-बच्चा इमरजेंसी पहुंची। वहां मौजूद डॉक्टर ने महिला को भर्ती न कर उससे पहले कोविड जांच करा कर आने को कहा। इस पर उक्त महिला कोविड जांच के लिए परचा बनवाने की लाइन में लग गयी, इसी बीच उसकी प्रसव पीड़ा तीव्र हो गयी और उसने वहीं शिशु को जन्म दे दिया। इस पर तुरंत महिला और शिशु को लेबर रूम ले जाकर आगे की प्रक्रिया पूरी की गयी।
जारी हुआ नोटिस
डिलीवरी के लिए पहुंची महिला को भर्ती न कर कोविड जांच के लिए भेजने से वेटिंग के दौरान ही डिलीवरी होने के मामले की खबर फैलने पर संस्थान ने फौरी तौर पर एक कन्सल्टेंट सहित चार रेजीडेंट्स को ड्यूटी से हटा दिया और ऑब्स एंड गाइनीकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस देते हुए प्रकरण की जांच के लिए समिति गठित कर दी है।
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संस्थान के मीडिया प्रवक्ता डॉ श्रीकेश ने इस सम्बन्ध में जारी पत्र में कहा है कि सोमवार 6 जुलाई को ऑब्स एंड गायनीकोलॉजी विभाग की इमरजेंसी में गर्भवती मरीज इंदिरा नगर निवासी जो कि एक्टिव लेबर में थी, को ऑन ड्यूटी टीम द्वारा कोविड-19 की जांच के लिए कोविड डेस्क पर भेजा गया जहां उसने शिशु को जन्म दिया, इस प्रकरण में मामले की गंभीरता को देखते हुए हॉस्पिटल ब्लॉक की चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सरिता सक्सेना की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन कर दिया गया है, यह जांच समिति 3 दिन के भीतर जांच कर निदेशक को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
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इस प्रकरण में संस्थान की निदेशक प्रो. नुजहत हुसैन का कहना है कि संस्थान द्वारा हर प्रकार के मरीजों के लिए एसओपी जारी की जा चुकी है। मरीज हमारी प्राथमिकता हैं और इस प्रकार लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, प्रथम दृष्टया दोषियों को हाल फिलहाल ड्यूटी से हटा दिया गया है तथा जांच के दौरान जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध भी सख्त कार्यवाही की जाएगी। किसी प्रकार के नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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