झांसी में लॉकडाउन के चलते ऐसे मनाई गई ईद, लोगों ने घरों में ही पढ़ी नमाज
कोरोना महामारी से लड़ते आज लोग कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना से जंग में सहयोग कर रहे हैं। फिर चाहे वह धार्मिक कार्यक्रम या त्यौहार हो। ऐसा ही कुछ...
झांसी: कोरोना महामारी से लड़ते आज लोग कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना से जंग में सहयोग कर रहे हैं। फिर चाहे वह धार्मिक कार्यक्रम या त्यौहार हो। ऐसा ही कुछ झांसी में इस ईद के पर्व पर देखने को मिला। जिले के कुछ क्षेत्रों में लोगों ने घरों में नमाज अदा कर इस वैश्विक महामारी से निजात दिलाने की अल्लाह से दुआ मांगी। सच है इस महामारी में लोग अपने धार्मिक कार्यक्रमों को अपने तरीकों से नहीं मना पा रहे हैं।
ये भी पढ़ें: लॉकडाउन में हुई सबसे ज्यादा पुलिस कार्रवाई: हजारों गिरफ्तार, करोड़ो रुपये वसूले
झांसी के बिसातखाना मोहल्ले के लोगों के मुताबिक इतिहास में पहली बार सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मात्र पांच लोगों के साथ मस्जिद में ईद की नमाज अदा की गई। शेष सभी लोगों ने घरों में ही नमाज अदा कर अमन चैन की दुआ मांगी। भारत देश एक ऐसा देश है जहां हर धर्म और सम्प्रदाय के लोग रहते हैं। यह सभी लोग अपने धार्मिक कार्यक्रमों को बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं। ज्यादातर सभी धार्मिक कार्यक्रमों में मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च में भारी भरकम भीड़ होती है। मगर इस बार देश में कोरोना महामारी के दस्तक देते ही लॉकडाउन जारी हो गया है।
ये भी पढ़ें: झांसी से रवाना होंगी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, इतने हजार मजदूर जाएंगे अपने घर
कोरोना वायरस ने देश के लोगों के बीच 6 फीट की दूरी बना दी है। यही कारण है कि सभी लोगों को मजबूरन अपने धार्मिक कार्यक्रमों को घरों में ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाना पड़ रहा है। सोमवार को मुस्लिम धर्म का खुशियों का बड़ा त्योहार ईद उल फितर मनाया गया। समुदाय के लोगों ने बताया कि इतिहास में पहली बार ऐसा दिन आया है कि बिसातखाना में बनी ईदगाह मस्जिद में मात्र पांच लोगों ने पहुंचकर नमाज अदा की।
ये भी पढ़ें: करण जौहर के घर पहुंचा कोरोना वायरस, डायरेक्टर ने जारी किया ये बयान
दुआ में उठे हाथ
ईद में नमाज के समय कोरोना महामारी से बचाव के लिए दुआ में हाथ उठे। वहीं, कमनी गरान में पेश इमाम ने नमाज अदा कराई। इस दौरान उन्होंने नमाज़ में कोरोना महामारी से मुल्क की हिफाज़त व अमन चैन की दुआ की। नमाजियों में मौलाना आमिल, मौलाना मुक्ती मोहम्मद साबिर कासमी इमाम ईदगाह, मोहम्मद खालिद नदवी मौलवी अजीम कारी, हबीब अहमद, मौलाना रिजवाना रहे। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि हमें सरकार निर्देशों का पालन करना है। घर पर रहकर ही हमने ईद की नमाज़ अदा की। साथ ही इस बार नए कपडे नहीं खरीदे, बल्कि इस महामारी से प्रभावित हुए लोगों को मदद पहुंचाई गई।
ये भी पढ़ें: मोदी सरकार का एक साल: जश्न का मेगा प्लान, इतना भव्य होगा आयोजन
पुलिस फोर्स रही तैनात
शहर स्थित ईदगाह में सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस फोर्स भी तैनात की गई थी। शांति व्यवस्था के मद्देनजर ईदगाहों व मस्जिदों के आसपास प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस टीम मुस्तैद रही। नमाज के पूरे समय में मस्जिद में भारी फोर्स बल तैनात रहा। वहीं, एसएसपी डी प्रदीप कुमार, एसपी सिटी राहुल श्रीवास्तव, सीओ सिटी संग्राम सिंह आदि ने ईदगाह आदि स्थानों पर लगी ड्यूटी चेक की है।
ये भी पढ़ें: यूनिवर्सिटी में ई-कार्यशाला, विशेषज्ञ बोले- कोरोना काल में भारत से सीखे विश्व
अमन चैन के साथ मनाई ईद
लॉकडाउन के चलते ऐसा पहली बार हुआ कि लोग अपने घरों में ही कैद रह गए। ईद पर नए कपड़े पहनने का रिवाज है लेकिन इस बार लोगों ने पुराने कपड़ों में ही नमाज अदी की और कोरोना से मुक्ति कि दुआ मांगी। ईदगाह के इमाम मौलाना मुक्ती मोहम्मद साबिर कासमी ने सभी को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस्लाम में दो त्योहार सबसे अहम है। एक ईद-उल-फित्र और दूसरे ईद-उल-अज़हा। ईद-उल-फित्र रमजान के रोजे की खुशी में मनाते है। सभी लोग लॉकडाउन का पालन करें। दूर से ही लोगों को ईद की मुबारकबाद दे। ना किसी से हाथ मिलाए और ना ही किसी से गले मिले। शहर काजी ने भी अपने घर में नमाज़ अदा की और सभी को ईद की मुबारकबाद पेश की। इसी तरह प्रदेश के अन्य शहरों में भी ईद मनाई गई।
ये भी पढ़ें: सौ बरस की हुईं Narendra Modi की मां बधाई और नमन…
रिपोर्ट : बीके कुशवाहा