Election Results 2022 : BSP के बेस वोटर बने BJP के मददगार, आखिरी समय में ब्राह्मणों ने भी दे दिया साथ

Election Results 2022 : यूपी विधानसभा चुनाव की मतगणना अभी भी जारी है। अब तक के मिले रुझानों के मुताबिक बीएसपी के बेस वोटर्स बीजेपी की तरफ हस्तांतरित हुए हैं।

Written By :  Kaushlendra Pandey
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update: 2022-03-10 13:00 GMT

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीएसपी के बेस वोटर्स बीजेपी की तरफ हुए ट्रांसफर (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Election Result 2022 : इसे मोदी-योगी फैक्टर कहें या कुछ और...। इस बार के चुनाव में बसपा (BSP) के वोटर भाजपा (BJP) के लिए तारणहार बनकर सामने आए। वहीं चुनाव की शुरूआत से ही ब्राह्मण वोटरों के नाराजगी का सामना कर रही भाजपा को, आखिरी समय में ब्राह्मण मतदाताओं के मिले साथ ने यूपी में दोबारा सरकार की राह तय करने के साथ ही, सोनभद्र में भी ऐतिहासिक जीत दिला दी।

राबटर्सगंज और घोरावल एक ऐसी सीट है, जिस पर ब्राह्मण वोटरों का मूवमेंट जीत का समीकरण माना जाता है। इसको देखते हुए जहां सपा की तरफ से अपना दल कमेरावादी से हुए गठबंधन को दरकिनार कर पूर्व विधायक रमेशचंद्र दूबे को प्रत्याशी बनाया गया था। वहीं सपा यह मानकर चल रही है कि यहां का ब्राह्मण वोटर उनका साथ दे रहा है लेकिन मतदान के बाद की जो स्थिति सामने आई, उससे यह तस्वीर साफ है कि ब्राह्मण वोटरों का एक बड़ा वर्ग, मोदी-योगी के नाम पर भाजपा के साथ चला गया है। इसके बावजूद सपा के जीत के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन जिस तरह से घोरावल विधानसभा क्षेत्र में बृहस्पतिवार को प्रथम चरण से ही भाजपा के जीत के संकेत सामने आने शुरू हो गए थे, उसने ब्राह्मण मतदाताओं के भी एक बड़े खेमे को भाजपा के साथ जाने की चर्चा पर मुहर लगा दी।

कुछ इसी तरह का समीकरण राबटर्सगंज विधानसभा में सामने आया। सपा के लोगों को उम्मीद थी कि बसपा अपने बेस वोटरों पर मजबूत पकड़ रखने के साथ ही ब्राह्मण वोटरों को साध लेगी तो सपा की जीत आसान हो जाएगी। चुनावी शोर थमने के एक दिन पूर्व तक इस तरह का परिदृश्य सामने आया भी लेकिन आखिरी दिन के चुनाव प्रचार और इसके बाद अचानक से बसपा को पड़ने वाले वोट को सपा के जीत की गारंटी के सामने आए समीकरण ने, बसपा के बेस वोटरों को भाजपा की तरफ धकेला ही, मतदान के दिन सुबह दस बजे के बाद अधिकांश बूथों पर ब्राह्मण वोटरों का भी रूख बदल गया और नजदीकी मुकाबले में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई।

मायावती के नरम रूख ने भी बीजेपी को दिलाई बढ़त

बसपा की सभाओं में मायावती का सपा पर सीधे हमलावर होने और भाजपा के प्रति नरम रूख ने भी बसपा के बेस वोटरों में, भाजपा के प्रति सहानुभूति का संदेश दिया। वहीं रही-सही कसर राशन फैक्टर ने पूरी कर दी। जिले की चारों सीटों पर भाजपा को इसका लाभ भी मिला और खासा अंतर्विरोध और वोटरों की एक बड़ी संख्या में भाजपा के प्रति नाराजगी के बावजूद, सोनभद्र में जीत का सेहरा एक-एक कर भाजपा के सिर बंधता गया। 

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