Etah News: चरम पर है DAP की कालाबाजारी, किसान 1600,1700 में खरीदने को मजबूर, डीएम बोले कोई कमी नहीं

Etah News: करीब चार दिन बाद डीएपी आने की जानकारी मिलने पर किसान सुबह चार बजे से ही सरकारी व गैर सरकारी दुकानों पर लाइन में लग जाते हैं। लेकिन सहकारी क्रय केंद्रों व दुकानों पर डीएपी उपलब्ध होने के बावजूद सरकारी व निजी दलालों द्वारा एक बोरी 16-1700 रुपये में बेची जा रही है।

Report :  Sunil Mishra
Update:2024-11-18 19:12 IST

Etah News (newstrack)

Etah News: एटा जिले में किसान अपनी फसलों की बुवाई को लेकर परेशान हैं। जिले में डीएपी के लिए हो रही मारामारी के कारण बुवाई प्रभावित हो रही है। जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह के अनुसार जिले में डीएपी, एनपीके, टीएसपी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, चाहे वह सहकारी क्रय केंद्र हों या दुकानें। लेकिन किसान 1600, 1700 रुपये में डीएपी की बोरी खरीदने को मजबूर हैं। इसी क्रम में आज जिला मुख्यालय स्थित एटा अलीगंज रोड पर कृषक भारतीय किसान केंद्र पर किसानों ने डीएपी न मिलने पर विरोध प्रदर्शन किया। डीएपी उपलब्ध होने के बावजूद न मिलने से किसानों में काफी आक्रोश था और गुस्साए किसानों ने सड़क पर जाम लगा दिया। वही बेबस किसान 16-1700 रुपये में डीएपी की बोरी खरीदने को मजबूर हैं।

करीब चार दिन बाद डीएपी आने की जानकारी मिलने पर किसान सुबह चार बजे से ही सरकारी व गैर सरकारी दुकानों पर लाइन में लग जाते हैं। लेकिन सहकारी क्रय केंद्रों व दुकानों पर डीएपी उपलब्ध होने के बावजूद सरकारी व निजी दलालों द्वारा एक बोरी 16-1700 रुपये में बेची जा रही है। इसके लिए कुछ पर्चियां पहले ही काटकर बिचौलियों के माध्यम से बेच दी जाती हैं। प्रशासन का दावा है कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है और दावा किया जा रहा है कि किसानों को आसानी से खाद मिलेगी। आखिर मीडिया को जिला प्रशासन द्वारा कागजों पर जारी प्रेस विज्ञप्ति पर विश्वास करना चाहिए या सड़कों और गलियों में जगह-जगह भूखे-प्यासे लाइनों में खड़े किसानों पर, जो खाद लेने के लिए अपनी बीवी-बच्चों को लेकर सड़कों पर आए हैं और मजबूरन लाइनों में जगह लेनी पड़ रही है, ताकि किसी तरह उन्हें एक बोरी खाद मिल जाए और वे अपने खेत में फसल बो सकें। एटा अलीगंज रोड पर खाद खरीदने आए किसान राकेश कुमार ने बताया कि वह पिछले एक सप्ताह से डीएपी पाने के लिए परेशान हैं लेकिन हमें डीएपी नहीं मिल रही है, हम क्या करें, हमारा खेत छीना जा रहा है, मजबूरी में हमें 1700 रुपये की काली कमाई में यह खाद खरीदनी पड़ेगी।

वही जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आज 16 नवंबर को एटा जिले में 29437.766 मीट्रिक टन यूरिया, 2973.375 मीट्रिक टन डीएपी, 2725.740 मीट्रिक टन एनपीके, 5374.750 मीट्रिक टन एमओपी, 771.250 मीट्रिक टन एसएसपी की उपलब्धता है। जिलाधिकारी एटा प्रेम रंजन सिंह द्वारा दिए गए निर्देशों पर जिला कृषि अधिकारी मनवीर सिंह ने बताया कि एटा जिले में यूरिया, डीएपी, एनपीके और टीएसपी उर्वरकों की उपलब्धता पर्याप्त है और जिले में किसी भी प्रकार के उर्वरकों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी समितियों को आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त खाद उपलब्ध कराई जा रही है तथा किसी भी समिति में खाद की कमी नहीं है। प्रशासन के ये दावे जमीनी हकीकत में कुछ और ही बयां करते हैं। हर जगह खाद की भारी किल्लत है। किसी भी सहकारी केंद्र व दुकानों पर डीएपी उपलब्ध नहीं है। कहीं-कहीं एनपी जैसी खाद है लेकिन किसान उसे गेहूं की बुआई के लिए पर्याप्त नहीं मान रहे हैं।

अगर जिले में पर्याप्त खाद है या आ रही है तो किसान दर-दर क्यों भटक रहे हैं? जिलाधिकारी स्वयं मौके का निरीक्षण कर किसानों की समस्याओं का समाधान क्यों नहीं करते? अखिल भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल संघर्षी ने जिला प्रशासन से डीएपी की कालाबाजारी रोकने की अपील की है तथा उपलब्ध डीएपी को किसानों में वितरित करने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि खाद उपलब्ध होने के बावजूद ये जमाखोर व अधिकारी डीएपी का वितरण नहीं होने दे रहे हैं। इसकी उच्च स्तरीय जांच कर इनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है।

Tags:    

Similar News