Etah News: कृषि प्रधान देश में किसान कर रहा धरना प्रदर्शन और आंदोलन, दुर्भाग्य कहें या सरकार की वादा खिलाफी
Etah News: पुलिस द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेंद्र सोलंकी को नजर बंद करते ही भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों में रोष पनप गया और कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी शुरू कर दी गई।;
Etah News: उत्तर प्रदेश के जनपद एटा में भारतीय हलधर किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेंद्र सोलंकी अपने राष्ट्रीय, प्रांतीय, अन्य जिला मंडल स्तरीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ गौतमबुद्ध नगर नोएडा किसान आंदोलन में शिरकत करने के लिए कूच करने वाले ही थे कि उन्हे उनके ही कैंप कार्यालय होटल चंद्र मुखी पर एटा पुलिस द्वारा नजर बंद कर लिया गया। धीरेन्द्र सोलंकी के कैंप कार्यालय पर सुबह से ही आगरा, एटा अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, मैनपुरी, कासगंज, फिरोजाबाद आदि आसपास के जिलों से सैकड़ो की संख्या में किसान कार्यकताओं ने आना शुरू कर दिया था। जैसा कि सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा किसान आंदोलन के चलते किसान संगठनों पर शक्ति से कार्यवाही की जा रही है एवं प्रशासन को सख्त निर्देश दिए है की गौतमबुद्ध नगर पर किसी भी जिले से किसान नेता पहुंचने नहीं चाहिए।
धीरेंद्र सोलंकी अपने पदाधिकारी और कार्यकर्ता बंधुओं के साथ गौतमबुद्ध नगर कूच करने ही वाले थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेन्द्र सिंह सोलंकी की इस रणनीति की जैसे ही प्रशासन एटा को भनक लगी। यूनियन के कैम्प कार्यालय जीटी रोड़ चंद्रमुखी होटल एकत्र यूनियन के पदाधिकारियों को जनपद के तीन थाने पिलुआ, कोतवाली देहात, कोतवाली नगर की पुलिस के जवानों ने भारी संख्या में पहुंचकर बल का प्रयोग करते हुए घेर कर नजरबंद कर लिया गया।
धीरेंद्र सोलंकी को नजर बंद करने पर किसानों में रोष
पुलिस द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेंद्र सोलंकी को नजर बंद करते ही भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों में रोष पनप गया और कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी शुरू कर दी गई। जिला प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया के 2 दिन के अंदर उनकी मांगे मांग ली जायगी लिहाजा धीरेंद्र सोलंकी ने प्रशासन का सहयोग करते हुए अपनी गौतमबुद्ध नगर की यात्रा को रद्द करते हुए आगे रणनीति बनाने की बात कही। धीरेंद्र सोलंकी ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादों को खोखला बताया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है, कहने को तो भारत किसान प्रधान देश है। उन्हीं किसानों को उनकी फसल की बुआई करने को डीएपी एवं यूरिया जैसी खाद को पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
किसानों को करना पड़ता है संघर्ष
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों को अपनी फसल का मुनाफा मूल्य पाने को कितना संघर्ष करना पड़ता होगा। किसान प्रधान देश में 2014 से मोदी सरकार आई है तब से अबतक किसानों को आए दिन अपने हक को पाने के लिए सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन, आंदोलन तक करना पड़ रहा है। यदि किसानों को अपने ही देश में धरना प्रदर्शन आंदोलन करना पड़े तो यह किसानों और देश का दुर्भाग्य है, या फिर देश की केंद्र सरकार की वादा खिलाफ। देश का किसान को सरकार लुभावने सपने दिखाकर उनके साथ छलावा कर रही है।
बैठक में उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार कतई गंभीर नहीं है। सरकार के मंत्री के पास किसानों की समस्याओं को सुनने तक का भी समय नहीं है। इस बैठक में यूनियन के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी व जिले स्तर के पदाधिकारियों ने किसानों की आवाज बुलंद हक को लेकर आवाज बुलंद की और बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय अध्यक्ष छात्र सभा, अलीगढ मण्डलमंत्री किशन कुमार सिंह, जिला अध्यक्ष व्यापार प्रकोष्ठ उमेश गुप्ता, मंडल अध्यक्ष रवि प्रताप, ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष अनुज सिसोदिया, मंडल सचिव आगरा शैलेन्द्र सिसोदिया, प्रदेश महासचिव ओमकार सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधीर राघव, प्रदेश संघठन मंत्री डी के यादव, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रवि पचौरी, राष्ट्रीय महासचिव संदीप यादव, जिला संघठन मंत्री इंशेष प्रताप, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा साजनदेव वार्ष्णेय, जिला प्रभारी एटा सचिन वशिष्ठ, मंडल उपाध्यक्ष रानू ठाकुर, आदि मौजूद रहें।