Eta News: खेत में जबरिया रास्ता निकलवाने का एसडीएम पर लगा आरोप, पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार
Eta News:एसडीएम कोर्ट में धारा-24 का एक वाद का निस्तारण किये बगैर ही एसडीएम जलेसर द्वारा वादी के निजी चक में होकर चकरोड निकलवाए जाने सबंधी मामला प्रकाश में आया है।
Eta News: उत्तर प्रदेश के एटा जनपद की तहसील जलेसर क्षेत्र में रिश्वतखोरी, अवैध कारोबार सहित शासनादेशों को मखौल बनाने वाली कार्यप्रणाली पर अंकुश नही लग पा रहा है। इसीक्रम में रविवार को सोशल मीडिया पर एक और समाचार वायरल हुआ है। जिसमे एसडीएम कोर्ट में धारा-24 का एक वाद का निस्तारण किये बगैर ही एसडीएम जलेसर द्वारा वादी के निजी चक में होकर चकरोड निकलवाए जाने सबंधी मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं राष्ट्रपति सहित मंडलायुक्त एवं डीएम से न्याय की गुहार लगाई गई है।
ये है पूरा ममला
मामला तहसील क्षेत्र के गांव पटना निवासी पीड़ित सूर्यप्रकाश पुत्र रामप्रकाश ने मुख्यमंत्री एवं उच्च अधिकारियों को भेजे गये शिकायती पत्रों में कहा है कि परगना व तहसील जलेसर की ग्रामसभा पटना में चकरोड़ सं0 261 को उपजिलाधिकारी विपिन कुमार मोरेल व कानूनगो जलेसर व क्षेत्रीय लेखपाल अरूण कुमार के द्वारा उसके निजी गाटा सं0 255 में होकर निकलवाया जा रहा है। जो कि उसके लिए न्यायसंगत नहीं है।
जबकि गाटा सं0 255 की पैमाइश हेतु धारा 24 का वाद न्यायालय उपजिलाधिकारी जलेसर के यहां विचाराधीन है फिर भी उपजिलाधिकारी जलेसर वादी का पक्ष सुनने हेतु तैयार नहीं है। असवैधानिक तरीके से वादी के निजी गाटा में होकर चकरोड़ निकलवा रहे हैं। एसडीएम द्वारा इस संबंध में शनिवार को राजस्व निरीक्षक एवं लेखपाल के साथ स्थलीय निरीक्षण भी कर चुके हैं। काफी समय से वाद लम्बित होने के बाद भी वादी के चक की पैमाइश नही करायी गयी है। जबकि मौके पर वादी का चक काफी कम है।
पीड़ित ने लगाई सीएम से न्याय की गुहार
पीड़ित वादी सूर्यप्रकाश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मण्डलायुक्त अलीगढ़ एवं जिलाधिकारी एटा से न्यायहित में निजी गाटा सं0 255 में मिट्टी डलवाकर निकाले जा रहे चकरोड़ को तत्काल रुकबाये जाने तथा विचाराधीन वाद को निस्तारित करने के उपरांत ही चकरोड डलबाये जाने की गुहार लगाई है।
वही एसडीएम विपिन कुमार ने बताया कि बरसात की वजह से चकरोड मे पानी भर गया है। लोगो को आने जाने में परेशानी नही हो इसलिए उन्होंने यह निर्देश दिया था। पर किसी की निजी भूमि पर ऐसा आदेश न्याय संगत नहीं है वहीं पीडित ने कहा कि हम जिससे न्याय कराने गये उसी ने हमारे साथ अन्याय कर दिया अब वह न्याय पाने के लिए उच्च अधिकारियों की शरण में है।