इटावा: लॉयन सफारी की दुर्भाग्यपूर्ण हालात, जानवरों को नहीं मिल रही भरपेट खुराक

सपा सरकार ने इटावा मैं होटल व्यवसाय पर्यटन और बढ़ते रोजगार का सपना देखा था,जो आज धूमिल है,सरकार वन्य जीवों को उपयुक्त भोजन और उनको संरक्षण देने की स्थिति में भी नहीं है,

Update:2020-12-24 17:58 IST
ये लड़ाई जनपदवासियों के साथ तो राजनीतिक कारणों से समझ में आती है लेकिन लायन सफारी में रखे गये बेजुबान जानवरों के लिये बजट में कमी करना सरकार की शर्मनाक कार्यशैली है।

इटावा: विश्व के मानचित्र पर जनपद इटावा का नाम रोशन करने वाली लायन सफारी राजनीतिक उपेक्षा का शिकार हो रही है पहले जनपद इटावा के बजट में कमी अस्पतालों में बजट के साथ डॉक्टरों की कमी यहाँ तक कुत्ते काटने पर लगने वाले इंजेक्सन की कमी, सैफ़ई पीजीआई के बजट में तब कमी है जब सबकुछ मुख्यमंत्री के हाथ में सबकुछ है ये हालात तब है जब भाजपा के सांसद होने के साथ दो विधायक है इसके बाद भी राजनतिक प्रतिद्विदता का शिकार हो रहा है जनपद इटावा अगर ये लड़ाई जनपदवासियों के साथ तो राजनीतिक कारणों से समझ में आती है लेकिन लायन सफारी में रखे गये बेजुबान जानवरों के लिये बजट में कमी करना सरकार की शर्मनाक कार्यशैली है।

बेजुबान जानवरों पर अपनी सहानभूति

 

लायन सफारी में बजट की कमी को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष उदय भान सिंह यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जनपद इटावा को राजनीतिक लड़ाई के नजरिये से न देखकर कम से कम बेजुबान जानवरों पर अपनी सहानभूति बनाये रखे आपकी राजनीतिक लड़ाई हो सकती है लेकिन इन जानवरों का क्या दोष है जबकि यहाँ के बब्बर शेर आपके गोरखपुर में बन रही लायन सफारी के लिए भेजे जाने के पाल पोष के उन्हें परिवक किया जा रहा है तब ये भेदभाव आपकी कार्यशैली बिना भेदभाव सबका विकास नारे को खोकला साबित करता है।

 

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इटावा का बड़ा दुर्भाग्य

वही इस मामले पर सपा चिकित्सा सभा के जिलाध्यक्ष ने भी इस मामले पर निशाना साधते हुए सरकार को कोसा है।नसपा सरकार की बेहद महत्वपूर्ण परियोजना लॉयन सफारी के वन्य जीवों का सरकार द्वारा संरक्षण न कर पाना इटावा का बड़ा दुर्भाग्य है।

 

 

बेहद महत्वपूर्ण लायन सफारी योजना

 

सपा सरकार की बेहद महत्वपूर्ण लायन सफारी योजना वर्तमान सरकार मैं बर्वादी के कगार पर पहुँच गई है,जनपद इटावा के लिए यह दुर्भाग्य का विषय है कि लॉयन सफारी जैसी विश्व प्रसिद्ध योजना जो इटावा के साथ उत्तर प्रदेश के लिए लाभकारी साबित हो सकती थी आज सरकार की उपेक्षा के कारण वन्य जीवों को गोद लेने की स्थिति तक पहुँच गई है, यह बात समाजवादी चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ आशीष दीक्षित द्वारा कही गई।

 

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पर्यटन का सपना धूमिल

 

चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि सफारी के निर्माण के साथ सपा सरकार ने इटावा मैं होटल व्यवसाय पर्यटन और बढ़ते रोजगार का सपना देखा था,जो आज धूमिल है,सरकार वन्य जीवों को उपयुक्त भोजन और उनको संरक्षण देने की स्थिति में भी नहीं है,हाल ही में नन्हे सावको के आने से इटावा वासियों को बेहद खुशी का अनुभव हुआ था,लेकिन सरकार द्वारा वन्य जीवों को गोद लेने की बात करना और जनपद वासियो से उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी उठाने की बात करना एक चिंतनीय प्रश्न है।सरकार को चाहिए कि इस महत्वपूर्ण परियोजना को राजनीति परिपेक्ष मैं न देख कर जनप्रयोगी योजना के रूप मे देखे,वही इटावा वासियो के लिए उत्तम होगा।

 

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

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