इटावा: इस यूनिवर्सिटी के वीसी को धमकी, ठेकेदार रच रहा घिनौनी साजिश

उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफ़ई जिसमे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ अध्यक्ष है। उस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राजकुमार को जान से मारने की धमकियां लगातार मिल रही है।

Update: 2021-02-25 14:01 GMT
योगी की यूनिवर्सिटी में वीसी को धमकी, ठेकेदार द्वारा रची जा रही घिनौनी साजिश

इटावा: उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफ़ई जिसमे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ अध्यक्ष है। उस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राजकुमार को जान से मारने की धमकियां लगातार मिल रही है। वीसी ने धमकी मिलने का सोर्स नही खोला लेकिन उन्होंने इस मामले में सैफ़ई विश्वविद्यालय में साफ सफाई बिल्डिंग मेंटिनेंस फर्म के मालिक सिराज चौधरी पर उक्त घटनाओं का ठिखरा फोड़ा है।

क्या है विवाद

2007 से विश्वविद्यालय में साफ सफाई की व्यवस्था का कार्य देखने वाली फर्म शाबरीन चौधरी के खिलाफ प्राप्त शिकायतों के आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा सम्बन्धित फर्म को काली सूची में डालकर एवं गबन का मामला दर्ज करवा जांच की जा रही है। वीसी ने बताया सम्बन्धित फर्म के मालिक सिराज चौधरी द्वारा अपनी फर्म को काली सूची से हटाने के लिए गलत व गैंगवार तरीके से दबाव बनाने व धमकाने की कोशिश लगातार की जा रही है। अपनी फर्म को काली सूची से हटाने के लिए उनपर गलत तरीके से दबाव बनाया जा रहा है। इसमें उनपर फर्जी मुकदमें करने के साथ उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है।

इसके अलावा उनके अमावा दोस्तपुर, रायबरेली स्थित जमीन पर फर्जी मुकदमें करने का भी प्रयास किया जा रहा है। साथ ही उन्हें सूत्रों द्वारा पता चला है कि सम्बन्धित फर्म के मालिक द्वारा उनके ऊपर रेप के फर्जी मामले दर्ज कराने की कोशिश की जा रही है ताकि इसमें जमानत न हो सके। इस सम्बन्ध में पूर्व में भी स्थानीय प्रशासन एवं शासन के जिम्मेदार अधिकारियों को सम्बन्धित फर्म के खिलाफ कार्यवाही हेतु अवगत् कराया जा चुका है।

इस कारण मिल रही धमकियां

कुलपति राजकुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जांच में यह पाया गया कि सम्बन्धित फर्म द्वारा विश्वविद्यालय में बिलों को समय से प्रस्तुत नहीं किया जाता था एवं उस दौरान सफाईकर्मियों का डेढ़ करोड़ रू ईपीएफ का भुगतान नहीं कर सरकारी धन का गबन किया गया था। इसके साथ ही समिति ने यह भी पाया था कि फर्म के कार्य विश्वविद्यालय के मापदण्डों एवं अनुबंधों के अनुसार संतोषजनक नहीं रहा। सम्बन्धित फर्म को 2019 में विश्वविद्यालय द्वारा काली सूची में डालने के बाद से फर्म मालिक उनके तथा विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को डराने-धमकाने का कार्य किया जा रहा है।

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सरकार में बैठे है भृस्ट अफसर

कुलपति ने बताया हमारे द्वारा एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि उसने गलत तरह से पैसा कमाया और सरकार तंत्र में भ्रस्ट लोगों को पैसे से खरीद रहा है। मैं बिकाऊ नही हूं मैं नही बिकूँगा।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी

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