आबकारी मंत्री ने बताई शराब से हाने वाली मौतों को रोकने के उपाय

प्रदेश के आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने आज अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी और भ्रष्ट आचरण करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।

Update: 2019-12-11 14:30 GMT

लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार जहरीली शराब से होने वाली मौतों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार का मानना है कि शराब माफिया जाडे़ के दिनों अवैध ढंग से शराब बनाकर उसे बेचने का काम करते हैं।

अवैध ढ़ग से शराब बनाते हैं माफिया

प्रदेश के आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने आज अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी और भ्रष्ट आचरण करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। क्योंकि जाड़े के दिनों में शराब की खपत बढ़ने से शराब माफिया अवैध ढ़ग से शराब बनाते हैं और इस विषाक्त शराब को पीने से लोगों की मौत हो जाती है।

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उन्होने कहा कि प्रदेश में एथेनाल के आने-जाने में अब कोई परेशानी नही होगी। क्योंकि सारी प्रक्रिया आनलाइन की जा रही है। उन्होंने कहा कि एथेनाल में निकासी में किसी र्प्रकार की बाधा न आने दें। आबकारी मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीरे का उपयोग करने के साथ ही कच्चे माल को व्यर्थ न जाने दिया जाय। आबकारी मंत्री ने कहा कि विषाक्त मदिरा के सेवन से होने वाली जनहानि को रोकने के लिये मिथाइल अल्कोहल के आवागमन पर कड़ी निगाह रखी जाए तथा , स्प्रिट उतरने के अड्डों को पहचान कर वहां छापे डाले जाए जिससे मदिरा तस्करी को रोका जाए।

उन्होंने प्रदेश में राजस्व बढ़ोत्तरी के लिए अधिक से अधिक बार खोलने के को कहा। आबकारी मंत्री ने विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति सुनिश्चित करने, सेवानिवृत्त कार्मिकों के देय एवं अन्य भुगतान समय से करने तथा विभागीय कर्मचारियों के संगठनों की मांग पर तत्काल सम्यक विचार कर अपेक्षित निर्णय लिये जाने को कहा है।

नवम्बर तक 17424 करोड़ रूपये का राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को शत-प्रतिशत लक्ष्य सुनिश्चित करने के लिये कडे़ परिश्रम करने को कहा है।

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आबकारी मंत्री ने कही ये बातें

1. मदिरा की दुकानों की नियमित चेंकिग की जाये।

2. मदिरा की दुकानों से एम0आर0 पी0 के ऊपर से विक्रय न होने दें।

3. विषाक्त मदिरा के सेवन से जन हानि की घटनायें न होने पायें।

4. इसके लिए अधिकारी सतर्क रहे, अधिकारी क्षेत्र में उपस्थित रहे।

5. शिकायतों एवं मुखबिरों को गम्भीरता से लेकर उस पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

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