सूनी कलाई पर राखी बंधते ही नम हो गईं फौजी भाईयों की आंखें

देश की रक्षा करने वाले देश के इन फौजी भाइयो को रक्षाबंधन के इस त्योहार में अपने बहनों की याद आना तो लाजमी है, और बहनों के याद में आँखों से आंशु भी छलक पड़ते है, लेकिन पिछले कई सालो से जीआरडी में भारत नेपाल मैत्री समाज के द्वारा बहन अपने फौजी भाइयो को राखी बाँधने का काम करती आ रही है।

Update: 2019-08-10 15:03 GMT

गोरखपुर: रक्षा बंधन का त्यौहार भाई- बहन का त्यौहार होता है, ये सबको पता है । इसी बंधन को निभाने के लिए बहनों ने फौजी जवानो के सुनी कलाई पर राखी बांधी, सुनी कलाई पर राखी बंधते ही आंखों से छलक पड़े आंसू, जी हां एक फौजी जब अपना सब कुछ छोड़ कर अपनों से दूर होकर देश की सेवा करने के लिए निकलता है, तो वो अकेला हो जाता है, सब त्योहार तो वो अपने फौजी भाइयों के साथ मना लेता है, लेकिन जब राखी का त्योहार आता है, तो उसकी निगाहें अपने सुनी कलाई की ओर देखती है, और बहन की याद में उनके आंखों से आंसू निकल पड़ते हैं ।

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देश की रक्षा करने वाले देश के इन फौजी भाइयो को रक्षाबंधन के इस त्योहार में अपने बहनों की याद आना तो लाजमी है, और बहनों के याद में आंखों से आंसू भी छलक पड़ते है, लेकिन पिछले कई सालों से जीआरडी में भारत नेपाल मैत्री समाज के द्वारा बहन अपने फौजी भाइयों को राखी बांधने का काम करती आ रही है।

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नम हो गई फौजी भाईयों की आंखें

इस बार भी भारत नेपाल मैत्री समाज के अध्यक्ष अनिल गुप्ता के साथ आई बहनों ने अपने फौजी भाइयों के सुनी कलाई पर राखी बांधी, और उनके लम्बी उम्र की कामना की, गोरखपुर के जीआरडी में फौजी जवानो ने अपने कलाई पर बहन से राखी बंधवा कर उन्हें आशर्वाद दिया, और उनकी रक्षा का वादा भी किया, इस दौरान कई फौजी भाइयो के आंखें नम हो गई, और उनके आंखों से आंसू छलक गए, और ये देख बहनो के आंखों से भी आंसू निकल पड़े।

नरेंद्र तिवारी (सूबेदार जीआरडी) ने बताया कि हर वर्ष ये हमारी बहने हमें राखी बांधती है। हमें बहुत खुशी होती है। हम परिवार से भले ही दूर रहते हैं। लेकिन हमारी ये बहनें उस कमी को पूरी करती हैं।

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भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राण निछावर करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं

स्मृति सिंह ने बताया कि हर वर्ष हम अपने फौजी भाइयों को राखी बांधते हैं। और उनकी लंबी उम्र की कामना करते हैं क्योंकि हमारे यह फौजी भाई भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राण निछावर करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और अपने घर त्योहार पर नहीं जा पाते हैं वह त्यौहार बॉर्डर पर मनाते हैं इसीलिए हम अपने फौजी भाइयों को यहां आकर राखी बांधते हैं।

हमारे फौजी भाई देश की सेवा को सर्वोपरी मानते हैं और त्योहार पर घर नहीं पहुंच पाते है

अनिल गुप्ता (भारत नेपाल मैत्री समाज अध्यक्ष) हर वर्ष हम अपने फौजी भाइयों के लिए यह कार्यक्रम करवाते हैं जिससे उन्हें अपनी परिवार की कमी महसूस ना हो। हमारे फौजी भाई देश की सेवा के लिए अपने घर के विषय में और त्योहार पर घर नहीं पहुंच पाते है। इसी को देखते हुए हम हर वर्ष इस तरह के आयोजन करते हैं।

रक्षा बंधना के इस पर्व पर वो क्षण जब फौजी भाइयो के आखों में आंसू आया और बहनों के आंखों में भी आंसू आ गया, ये देख कुछ पल के लिए सभी भावुक हो गए थे, लेकिन हाथो में बहनों द्वारा कलाई पर बंधी राखी ने बहनों की कमी को दूर कर दिया, इस बात का मलाल दिल में नहीं था, और आज इन फौजी भाइयो ने अपने बहनों की रक्षा का वादा भी किया |

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