फर्जी वीडियो के जरिए लोगों से ऐठता था पैसा, केस हुआ दर्ज

छानबे एडीओ पंचायत द्वारा एक पैकेट में पैसा लेते हुए वीडीओ वायरल मामले में नया मोड़ आया है। एडीओ पंचायत ने जिगना थाना पर तहरीर देकर 3 लोगो के खिलाफ वीडियो...

Update: 2020-01-19 16:02 GMT

मिर्जापुर। छानबे एडीओ पंचायत द्वारा एक पैकेट में पैसा लेते हुए वीडीओ वायरल मामले में नया मोड़ आया है। एडीओ पंचायत ने जिगना थाना पर तहरीर देकर 3 लोगो के खिलाफ वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। जिस मामले में मनीष कुमार खंड प्रेरक सहित दो लोगो पर मुकदमा दर्ज हो गया है।

एडीओ पंचायत अशोक दूबे ने तहरीर देकर आरोप लगाया कि वीडियो बनाकर 20 लाख रुपये की मांग की जा रही थी। 26 नवंबर को एडीओ पंचायत छानबे का पैसा लेते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था।

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जिस मामले में विंध्याचल थाना क्षेत्र के महुवारी कला निवासी शिवशंकर ने आरोप लगाया था कि एडीओ पंचायत अशोक दुबे ने कराए गए कार्य में अनियमितता को लेकर एक लाख रुपये रिश्वत लिया था, मामले में सीडीओ प्रियंका निरंजन ने कहा कि यह प्रकरण गंभीर है और बिना जांच के कुछ कहा नहीं जा सकता।

 

यह वीडियो किन परिस्थितियों में और कब बनाया गया। चूंकि मामला घुस लेने का था तो इस मामले में डीएम के निर्देश पर कमेटी जांच गठित कर दिया गया था। मामले में एडीओ पंचायत अशोक कुमार दूबे ने जिगना थाना पर पत्रक देकर फर्जी तरीके से वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है।

वीडियो बनाकर पैसे के लिए ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया

खंड प्रेरक मनीष कुमार सहित सुरेश कुमार व शिव शंकर पर अनाधिकृत तरीके से वीडियो बनाकर पैसे के लिए ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 22 नवंबर को जब हम दुगोली गाँव के प्रधानपति राजेश कुमार गौतम जो कि हमसे पैसे उधार लिए थे।

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वह हमको पैसा देने के लिए बुलाये थे। जब हम पैसा लिये तो उसका वीडियो बनाकर हमको ब्लैकमेल किया जाने लगा। कई बार हमारे फोन पर पैसा मांगने को लेकर मैसेज भी आये लेकिन हमने पैसा नहीं दिया।

वीडियो बनाने वाले लोग 20 लाख रुपए की मांग कर रहे थे

सहायक विकास अधिकारी ने जिगना थाने पर पत्र देकर कहा कि मामले में वीडियो बनाने वाले लोग 20 लाख रुपए की मांग कर रहे थे जब हमने पैसा नहीं दिया तो हमारा वीडियो बनाकर वायरल कर दिए।

जिससे कि हमारी शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना हुई। मामले में अब जिगना पुलिस खंड प्रेरक सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ धारा 385 व 66D के तहत मुकदमा पंजीकृत कर जांच में जुटी हुई है।

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