योगी जी ! बैंक के कर्ज से परेशान अन्नदाता ने कर ली आत्महत्या
एक तरफ सरकार का दावा है कि वह किसानों को हर संकट से उबारेगी,वहीं दूसरी तरफ कर्ज में डूबे किसान को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। बैंक के कर्ज का दबाव
सहारनपुर: एक तरफ सरकार का दावा है कि वह किसानों को हर संकट से उबारेगी,वहीं दूसरी तरफ कर्ज में डूबे किसान को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। बैंक के कर्ज का दबाव किसान के लिए असहनीय हो गया और वह जिंदगी से अपना नाता तोड़ लिया। थाना बडग़ांव के गांव उमरी मजबता में बैंक के कर्ज तले दबे एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। पीडि़त परिजनों के मुताबिक बैंक से आर सी जारी होने पर अमीन वसूली को किसान पर दबाव बना रहा था। मृतक के घर में कोहराम मचा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर रात में ही पीएम के लिए भेजा है। बीमारी के कारण बैंक का कर्ज अदा न कर पाने पर मंगलवार की देर शाम क्षेत्र के गांव उमरी मजबता निवासी 47 वर्षीय सतेंद्र पुत्र चमन ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।
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मृतक का प्रदेश सरकार की ऋण माफी योजना भी नाम नही आया था। मृतक किसान ने भूमि विकास बैंक से दो साल पूर्व ढाई लाख रुपये का कर्ज लिया था। बीमारी के चलते किसान बैंक का कर्ज अदा नही कर पाया तो बीते साल अप्रैल माह में बैंक ने किसान के विरूद्ध आर सी जारी कर तहसील को भेजी थी।
मृतक के भाई शिवकुमार के मुताबिक अमीन मृतक पर वसूली का दबाव बना रहा था। अभी कर्ज अदा करने में असमर्थता जताने पर हल्का अमीन रिषिपाल ने मंगलवार को कर्ज जमा न कराने पर जेल भेजने की चेतावनी दी थी।
मृतक चेतावनी से तनाव में चल रहा था। गिरफ्तारी के डर से वह सुबह ही खेतों में चला गया था। देर शाम तक जब किसान घर नही पहुंचा तो परिजनों ने उसकी तलाश की तो वह खेत में मृत पड़ा मिला। मृतक के पास ही जहरीला पदार्थ की शीशी पड़ी थी।
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किसान के मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर रात में ही डाक्टरी परीक्षण को भेज दिया। अमीन रिषिपाल का कहना है कि किसान के विरूद्ध तहसील से आर सी जारी हुयी थी।
12 बीघा जमीन पर कई बैंकों से लिया ऋण
मृतक के किसान कुल 12 बीघा जमीन है। घर चलाने को मृतक ने कई बैंकों से कर्ज लिया हुआ था। मृतक ने किसान के एक बेटा, एक बेटी है। किसान ने बेटी की शादी में दो साल पूर्व बैंक से कर्ज लिया था। बाद मे बीमारी के चलते वह बैंक को कर्ज अदा नही कर सका।
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मृतक के भाई शिवकुमार ने बताया कि मृतक पर पीएनबी जड़ौदा पांड़ा का करीब सवा लाख व किसान सहकारी समिति मौरा से भी अस्सी हजार का कर्ज लिया हुआ था। बीमारी के चलते कर्ज अदा न कर पाने पर भूमि विकास बैंक ने करीब तीन लाख की आर सी जारी कर दी थी। जिसमें मृतक ने तीन किस्तों में 66 हजार रुपये जमाकर दिये थे। और धीरे धीरे कर्ज अदा करने की बात कही थी।
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इसके बाद भी अमीन मृतक पर लगातार कर्ज अदा करने का दबाव बना रहा था। कर्ज के तनाव में आकर उसने आत्महत्या कर ली। एसडीएम रामपुर राकेश गुप्ता का कहना है कि किसान पर दबाव की बात निराधार है। आर सी होने पर अमीन को उसके घर तो जाना ही पडेगा।