किसानों का आक्रोश: आंदोलन की आग में जला यूपी, सड़कों पर अन्नदाता

इस दौरान चक्का जाम भी किया जा रहा है। इसी क्रम में बाराबंकी में भी भारतीय किसान यूनियन (भानू) गुट में भी कृषि बिल के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया।

Update: 2020-09-25 05:55 GMT

बाराबंकी: संसद में पास हुए तीन कृषि विधेयकों का विरोध अब सड़कों पर जोर पकड़ने लगा है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत विभिन्न किसान संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। इस दौरान चक्का जाम भी किया जा रहा है। इसी क्रम में बाराबंकी में भी भारतीय किसान यूनियन (भानू) गुट में भी कृषि बिल के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया।

विधेयक वापस नहीं होने तक जारी रखेंगे लड़ाई

बाराबंकी किसानों का प्रदर्शन (फाइल फोटो)

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इस दौरान किसान नेताओं ने रोड पर जाम लगाया, साथ ही आगजनी भी की। प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि केंद्र के इस बिल से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा। किसानों ने कहा कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। किसान नेता आशू चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार आनन-फानन में जो ये कृषि अध्यादेश लेकर आई है, हम लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

बाराबंकी किसानों का प्रदर्शन (फाइल फोटो)

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उन्होंने कहा कि अगर ये अध्यादेश किसानों के हित में है, तो इसे लागू करने से पहले किसानों से बात की जाती। फिर सभी की सहमति के बाद इसे लागू किया जाता। आशू ने कहा कि इतने सालों से देश का किसान अपने किसान आयोग की मांग कर रहा है। लेकिन उसपर ध्यान न देकर इस अध्यादेश को लागू किया गया है। आशू ने कहा कि किसानों का आरोप है कि केंद्र के इस बिल से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा। किसानों ने कहा कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

रिपोर्ट- सरफराज़ वारसी

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