Fatehpur News: समाधान दिवस पर नशे में धुत मिले नायब तहसीलदार, डीएम ने किया निलंबित

Fatehpur News: समाधान दिवस पर नशे में धुत मिलने पर डीएम ने नायब तहसीलदार को निलंबित कर दिया है। साथ ही कार्रवाई के लिए राजस्व परिषद को पत्र लिखा गया है।

Report :  Ramchandra Saini
Update:2024-07-07 14:09 IST

डीएम सी इंदुमति। (Pic: Newstrack)

Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर जिले में राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मियों के द्वारा जमीनी मामलों में गलत रिपोर्ट लगाने और नशे में धुत मिलने पर जिलाधिकारी ने बड़ी कार्यवाही की है। जिलाधिकारी ने खागा तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस पर नायब तहसीलदार को नशे में मिलने पर और बिंदकी तहसील क्षेत्र के एक गांव में तालाब के जमीन में गलत रिपोर्ट लगाने पर लेखपाल निलंबित कर दिया है। निलंबित नायब तहसीलदार पर विभागीय कार्यवाही के लिए अध्यक्ष राजस्व परिषद को पत्र लिखा गया है।

जांच में गलत मिला मामला

वही बिंदकी तहसील के कंसाही कजरे कोड़ा गांव में ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा के मामले में एक प्रार्थना पत्र मिला था। जिस पर जिलाधिकारी के आदेश पर गाटा संख्या 232 जोकि तालाब दर्ज की जांच नायब तहसीलदार से कराई गई। जांच में मामला गलत मिलने पर और गलत रिपोर्ट लगाने के कारण डीएम ने कौशल कुमार पटेल लेखपाल क्षेत्र देवमई को निलंबित कर दिया गया है।

कर्मचारी निलंबित

एडीएम अविनाश त्रिपाठी ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि 6 जुलाई के दिन शनिवार को खागा तहसील में जिलाधिकारी के अध्यक्षता में सम्पूर्ण समाधान दिवस पर विश्व दीपक त्रिपाठी नशे के हालत में थे और ठीक से खड़े भी नही पा रहे थे। शराब का नशा इस कदर था कि ठीक से चल भी नही पा रहे थे। इसके साथ ही इसके पहले 3 मई के दिन यह नशे में तहसील खागा स्थित अपने न्यायालय कक्ष में बैठे थे। दोनों मामलों में एसडीएम खागा अजय कुमार पांडेय को जांच दिया गया। एसडीएम के रिपोर्ट में जिलाधिकारी सी इंदुमती ने उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन मानते हुए निलंबित कर दिया।

पहले भी हुई थी कार्रवाई

एडीएम ने बताया कि राजस्व विभाग की छवि को धूमिल करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मियों को बख्सा नहीं जायेगा। निलंबित लेखपाल पर विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है। आपको बताते चलें कि खागा तहसील क्षेत्र के पाई गांव में एक किसान के जमीनी मामले में न्याय मिलने पर फांसी लगाकर आत्महत्या करने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए तत्कालीन एसडीएम को निलंबित कर दिया था और डीएम ने चकबंदी विभाग के चार अधिकारियों को निलंबित करते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ मिल रही शिकायत पर जिलाधिकारी ने सख्त कार्यवाही शुरू कर दिया है।  

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