नई परम्पराएं बढ़ाएंगी योगी आदित्यनाथ सरकार की मुश्किलें

राज्य का वित्त महकमा फाइलों को आगे बढ़ाने और अफसरों की सैलरी तय करने में नई परम्परा कायम कर रहा है।ऐसे पदों पर तैनात अधिकारियों की सैलरी बढाई जा रही है,जिसकी उपयोगिता पर खुद वरिष्ठ अफसर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं क्योंकि आर्थिक हित के मामलो में दूसरे मह

Update:2018-02-09 17:02 IST
नई परम्पराएं बढ़ाएंगी योगी आदित्यनाथ सरकार की मुश्किलें

राजकुमार उपाध्याय

लखनऊ:राज्य का वित्त महकमा फाइलों को आगे बढ़ाने और अफसरों की सैलरी तय करने में नई परम्परा कायम कर रहा है।ऐसे पदों पर तैनात अधिकारियों की सैलरी बढाई जा रही है,जिसकी उपयोगिता पर खुद वरिष्ठ अफसर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं क्योंकि आर्थिक हित के मामलो में दूसरे महकमे के अफसर भी नई परम्परा लागू करने की मांग पर अड़ेंगे।विभागीय मुखिया चहेते अफसरों के जरिए फाइलें अपने समक्ष पेश करने का आदेश जारी कर रहे हैं जो सचिवालय संवर्ग का ही नहीं है।यह नई परम्पराएं आने वाले दिनों में सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

संयुक्त निदेशक का ग्रेड पे अपर निदेशक के बराबर

वित्त महकमे में अफसरों की सैलरी बढाने का पुराना रिवाज है। यह चाहे किसी विभाग या संवर्ग के हों। हालिया प्रकरण स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग का है।जिसको लेकर महकमे के अंदरखाने ही शीतयुद्ध चल रहा है। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के तहत विदयुत एवं यांत्रिक अनुरक्षण प्रकोष्ठ में एक संयुक्त निदेशक का पद है।इसका ग्रेड पे 7600 रूपये के स्थान पर 8700 रूपये किया जा रहा है।जबकि यह ग्रेड पे अपर निदेशक के पद पर दिया जाता हैं पर वित्त महकमे में फूलप्रूफ प्लानिंग के तहत इस प्रकरण को अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है।

खड़ी होंगी यह मुश्किलें

वित्त विभाग के अंदरखाने इसको लेकर शीतयुद्ध भी चल रहा है।महानिदेशक कार्यालय में उप निदेशक, संयुक्त निदेशक और अपर निदेशक के पदों पर अन्य राजकीय विभागों के समान ग्रेड वेतन हैं।यदि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमे के संयुक्त निदेशक के ग्रेड वेतन को बढाकर 8700 रूपये किया जाता है तो यहां पहले से मौजूद अपर निदेशक भी अपने ग्रेड पे में बढोत्तरी की मांग करेंगे।इसी तर्ज पर अन्य राजकीय विभागों में भी ग्रेड पे बढाने की मांग जोर पकड़ने लगेगी जो सरकार के लिए मुश्किल का सबब बनेगी।

चहेते अफसर से मंगवा रहें फाइलें

वित्त महकमे के प्रमुख सचिव संजीव मित्तल चहेते अफसरों के जरिए फाइले अपने पास मंगा रहे हैं।इसमें भी नई परम्परा अख्तियार की जा रही है।हुआ यूं कि वित्त वेतन आयोग में एक संयुक्त निदेशक अटैच किए गए हैं जो सचिवालय कैडर के नही हैं।महकमे के मुखिया ने उन्हें एक नया अधिकार देने का आदेश जारी करा दिया।इसमें कहा गया है कि संयुक्त निदेशक आरएल त्रिपाठी के माध्यम से अब फाइलें विशेष सचिव वित्त के समक्ष पेश की जाएंगी।

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