नहर कटने पर जेई और संबंधित अधिकारी के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

3 महीने तक जुलाई-अगस्त सितंबर ना कोई अधिकारी छुट्टी लेगा, और ना ही किसी अपने सहयोगी को छुट्टी देने का काम करेगा, क्योंकि इमरजेंसी के रूप में आज हमने निर्देशित कर दिया है।

Update: 2019-08-04 14:22 GMT

गोरखपुर: गोरखपुर पहुंचे प्रदेश के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज गंडक के अधिकारियों के साथ बैठक कर जरुरी जानकारी ली। कहा कि पानी एक बड़ा संकट उत्पन करने वाला है, हमें उससे सचेत रहने की जरूरत है।

इस समय जमीन के अंदर से पानी खत्म हो रहा है और ग्राउंड वाटर खत्म होता जा रहा है, सरफेस वाटर की चिंता है, बरसात का पानी सुरक्षित रहें।

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3 महीने छुट्टी लेने पर रोक

3 महीने तक जुलाई-अगस्त सितंबर ना कोई अधिकारी छुट्टी लेगा, और ना ही किसी अपने सहयोगी को छुट्टी देने का काम करेगा, क्योंकि इमरजेंसी के रूप में आज हमने निर्देशित कर दिया है।

सभी वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर कनिष्ठ अधिकारी तक को नहरों के तटबंध का निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया गया है।

जहां नहर कटेगी या किसान काट लेते हैं, तो पहले जेई और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। फिर आवश्यक हुआ तो किसान के खिलाफ भी खिलाफ एफआईआर करने का काम किया जाएगा।

क्योंकि पानी बहुत महत्वपूर्ण है, जल का संरक्षण बहुत आवश्यक है, आज यही कारण है, कि नहरों में पानी कभी नहीं पहुंचाता, वहा पानी पहुचाने का काम किया है।

पहली बार उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट एंड रेगुलेशन बिल 2019 कानून बनाकर पास किया है।

इसमें नदियों का पानी गंदा करना तालाबों का पानी गंदा करना प्रदूषण फैलाना जमीन के अंदर से तादाद से ज्यादा पानी निकालना यह कानूनी अपराध है।

प्रदेश के सभी किसानों को और पानी के उपभोक्ताओं को अपने रजिस्ट्रेशन कराने पड़ेंगे, किसानों से और घरेलू उपयोगिता से रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जाएगा।

लघु उद्योग सिंचाई के द्वारा जल संरक्षण के बारे में जन जागरण अभियान चलाया गया, और आगे भी चलाने की योजना है।

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पानी को प्रदूषित करना अपराध

यदि इन सबके बाद भी कोई पानी को प्रदूषित करता है तो दंडनीय अपराध है। जिसमें 2 लाख से 10 लाख तक जुर्माना और सजा का भी प्रावधान है। जमीन के अंदर से कुछ लोग उद्यमी जो बहुत पानी निकाल रहे हैं।

यह व्यवस्था उनके लिए की गई है, क्योंकि 2013 के आंकड़ों के आधार पर 113 विकासखंड क्रिटिकल और 59 विकासखड अति क्रिटिकल थे, 45 विकासखंड सेमी क्रिटिकल थे, 2000 की गणना के आधार पर अति क्रिटिकल 9 गुना बढ़कर 172 की संख्या पहुंच गई।

इसके लिए प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जिले स्तर में पर जिलाधिकारी के अध्यक्षता में, ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक प्रमुख के अध्यक्षता पर ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया।

जो भूजल संरक्षण का संचय करेगी, और सावधानी बरतने के लिए भी निर्देश देने का काम करेगी। जल प्रबंधन ठीक से हो इसकी सरकार ने चिंता की है।

यूपी के 40 जिले बाढ़ से प्रभावित

उत्तर प्रदेश में 40 जिले बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। इनमें से 26 अति संवेदनशील है। आज हमने गोरखपुर में गंडक क्षेत्र की सभी जनपदों के साथ बैठक की है।

योगी सरकार ने हमने सिंचाई की व्यवस्था किया है। जहां 17 वे नम्बर पर सपा बसपा के कार्यकाल में कृषि में उत्तर प्रदेश का स्थान होता था, आज हरियाणा पंजाब के बाद आ गया है तीसरे नंबर पर ये उपलब्धि है, योगी सरकार की।

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