मेयो हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने से मरीज की हुई मौत, एफआईआर दर्ज

मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल के दो डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

Written By :  Sarfaraz Warsi
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-05-09 17:02 GMT

फोटो— मेयो हॉस्पिटल (साभार— सोशल मीडिया)

बाराबंकी। बाराबंकी में मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल के दो डॉक्टरों विनय पांडेय, रमेश मिश्रा और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है। एक एफआईआर मरीज की ऑक्सीजन आपूर्ति बंद करने से हुई मौत और दूसरी मरीज के इलाज के दौरान जबरन अधिक पैसे की मांग करने के बारे में है। मेयो अस्पताल के दो डॉक्टरों को केवल हत्या का नहीं बल्कि दोषपूर्ण गैर कानूनी हत्या और सबूतों को गायब करने का दोषी ठहराया गया है। साथ ही बाराबंकी के डीएम डॉ. आदर्श सिंह ने भी मामले की जांच शुरू करा दी है।

पूरा मामला बाराबंकी के सफेदाबाद के पास स्थित मेयो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज अस्पताल से जुड़ा है। यहां के दो डॉक्टरों विनय पांडेय, रमेश मिश्रा और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है। पहले मामले में प्रयागराज के निवासी पीड़ित डॉ. मनोज कुमार की शिकायत के आधार पर कोतवाली पुलिस स्टेशन में दो डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। डॉ. मनोज ने आरोप लगाया है कि 26 अप्रैल को ऑक्सीजन आपूर्ति हटाए जाने के बाद उनकी बहन की मौत हो गई। उनकी बहन की हालत में सुधार हो रहा था, लेकिन डॉ. विनय पांडेय और डॉ. रमेश मिश्रा उन पर अपनी बहन को कहीं और ले जाने का दबाव डालने लगे। उसके बाद डॉक्टरों ने उनकी बहन की ऑक्सीजन आपूर्ति बंद कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई।

वहीं दूसरे मामले में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जबरन वसूली करने और डराने के मामले में बाराबंकी पुलिस ने एक और केस दर्ज किया है। इसमें शिकायतकर्ता लखनऊ निवासी दुष्यंत कुमार ने अस्पताल कर्मचारियों पर उन्हें धमकी देने और 14 से 27 अप्रैल के बीच उनके पिता के इलाज के दौरान और अधिक पैसे मांगने का आरोप लगाया। हालांकि उन्होंने अपनी शिकायत में किसी का नाम नहीं लिया है। इसलिए इस केस में पुलिस ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। केस में मौत के समय मृत व्यक्ति की संपत्ति गलत ढंग से गबन करने और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने के तहत धाराएं लगाई हैं।

वहीं इस पूरे मामले में बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह का कहना है कि शिकायतों के आधार पर अस्पतालों की जांच की गई है। प्रथम दृष्टया अस्पताल में अनियमितता मिली है। जांच जारी है, जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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