Sonbhadra News: OBRA-C बिजली परियोजना से जुड़ी कंपनी के मैनेजर पर धोखाधड़ी की एफआईआर

Sonbhadra News: ओबरा सी बिजली परियोजना का निर्माण करा रही 'दुसान' कंपनी से जुड़ी फर्म मेसर्स पूजा इंटरप्राइजेज के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित छह के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।

Update:2023-03-07 18:10 IST

सोनभद्र में OBRA-C बिजली परियोजना से जुड़ी कंपनी के मैनेजर पर धोखाधड़ी की एफआईआर: Photo Social Media

Sonbhadra News: ओबरा सी बिजली परियोजना का निर्माण करा रही 'दुसान' कंपनी से जुड़ी फर्म मेसर्स पूजा इंटरप्राइजेज के प्रोजेक्ट मैनेजर सहित छह के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। ओबरा में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में दिए गए शिकायती पत्र के क्रम में ओबरा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। एसपी की तरफ से दिए गए निर्देश पर, एफआईआर दर्ज करने के साथ ही प्रकरण की छानबीन भी शुरू कर दी गई है।

बभनी थाना क्षेत्र के टेकुआरी निवासी प्रदीप कुमार ने ओबरा तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने दुसान कंपनी से जुड़ी फर्म मेसर्स पूजा इंटरप्राइजेज को अपना ट्रैक्टर किराए पर दिया हुआ था। संबंधित फर्म के प्रोजेक्ट मैनेजर आदि की मिलीभगत से उस ट्रैक्टर पर सरिया लादकर बाजार में बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। तभी उसे पुलिस ने पकड़ कर सीज कर दिया।

राजस्व चोरी का आरोप

जानकारी होने पर जब उसने एतराज जताया तो फर्म के संचालन का काम देखने वाले सौरभ कुमार निवासी ओबरा ने ट्रैक्टर को छुड़वा लेने और किराया अनवरत अदा करते रहने का भरोसा दिया। लेकिन न तो ट्रैक्टर का किराया 3.90 लाख अदा किया गया, न ही ट्रैक्टर को जमानत पर छुड़ाने का व्यय ही वहन किया गया। सौरभ और उनके सहयोगियों पर बड़े स्तर पर राजस्व चोरी का भी आरोप लगाया गया है।

मामले की छानबीन जारी

बताया गया है कि दुसान कंपनी में सौरभ कुमार S.K.P.L और पूजा इंटरप्राइजेज नामक दो फर्में काम कर रही हैं और दोनों के जरिए राजस्व चोरी का काम जारी है। मामले में पुलिस ने फर्म के संचालक सौरभ कुमार, साइड इंचार्ज जगन्नाथ, प्रोजेक्ट मैनेजर दिवाकर भारद्वाज, स्टोर इंचार्ज घनश्याम उपाध्याय, एचआर के दीपक सिंह और स्टोर कीपर रितेश कुमार यादव के खिलाफ धारा 406, 420 और 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक मामले की छानबीन की जा रही है। इस मामले में फर्म के संचालक सौरभ कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर दिवाकर भारद्वाज के सेलफोन पर कॉल कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन दोनों लोग उपलब्ध नहीं हुए।

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