वन विभाग का बड़ा अभियान: 1.5 हेक्टेयर पर लगाए जाएंगे 48 लाख पौधे

माह जुलाई में सरकारी आदेशों के अनुपालन में विभागों द्वारा वृक्षारोपण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

Update:2020-07-02 11:47 IST

औरैया: माह जुलाई में सरकारी आदेशों के अनुपालन में विभागों द्वारा वृक्षारोपण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके तहत जनपद औरैया की तहसील अजीतमल में वन विभाग ने अपनी 1.5 हेक्टेयर भूमि में करीब 28 प्रजातियां के पौधों को तैयार कर लिया है। अब बस उन्हें रोपे जाने की तैयारियों में जिला प्रशासन जुटा हुआ है।

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वन विभाग जुलाई माह में पौधों को विभिन्न विभागों में वितरण के लिए पूरी तरह से तैयार है

बताते चलें कि वन विभाग जुलाई माह में पौधों को विभिन्न विभागों में वितरण के लिए पूरी तरह से तैयार है। वही इस वर्ष नर्सरी में तैयार पौधों में करीब 25 लाख 25 हजार के करीब 27 प्रजातियों के पौधों को वितरण किये जायेंगे। यह प्रजातियां लोगों को शुद्ध वातावरण के साथ विभिन्न प्रकार की फलों का भी स्वाद लोगों को देंगी। इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि इन पौधों को सरकारी खर्च पर जनपद के विभाग अपने-अपने क्षेत्रों में रोपित करेंगे और उनकी देखभाल का भी जिम्मा उठाएंगे।

अजीतमल तहसील में वन विभाग की नहर के किनारे 1.5 हेक्टेयर की भूमि में स्थिति नर्सरी में लगभग वन विभाग द्वारा 48 लाख 80 हजार पौधों की 27 प्रजातियों को तैयार किया गया है। वन विभाग के अधिकारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि इस वर्ष विभिन्न विभागों में 25 लाख के लगभग पौधों को वितरण का लक्ष्य शासन द्वारा रखा गया है। बताया कि इस समय रिकॉर्ड के अनुसार नर्सरी में 40 लाख 78 हजार 998 पौधे दर्ज है। जबकि पौधों की संख्या इससे भी अधिक हो सकती है।

वन विभाग के माली जयप्रकाश ने बताया कि कड़ी मेहनत से प्रदेश के जनपद औरैया की तहसील अजीतमल में वन विभाग की नर्सरी अपने आप मे एक अनूठा उदाहरण है। जिसमें 27 से 30 प्रजातियों अर्जुन, कंजी, शीशम, जामुन, बकाइन, इमली, नींबू, अमरूद, कैथा, चितवन, आँवला, सागौन, आम, कटहल, वेलुआ, अशोक, सेजन, अमलतास, शहसूद, बेरी, बरगद, केली, नीम, पीपल, सीताफल, गुलमोहर, अरडू, बबूल, खेजड़ी, बोगनविलिया, कनेर सहित अन्य पौधे तैयार करवाये गए है। जिसमें फलदार 15 प्रजातियों के भी पौधे तैयार करवाये गए है।

प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रतिवर्ष कई लाख पौधों का रोपण किया जाता है

पौधा रोपित करने में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जनपद में प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रतिवर्ष कई लाख पौधों का रोपण किया जाता है। मगर उन पौधों की देखरेख का जिम्मा तो विभाग ले लेता है मगर उनकी कोई भी जिम्मेदारी विभागीय अधिकारी नहीं समझते हैं और वह पौधे सूखकर नष्ट हो जाते हैं। यदि वही पौधे संरक्षित किए जाए तो शायद वातावरण की समस्या से इतना न जूझना पड़े। जब इस संबंध में वन विभाग के सक्षम अधिकारियों से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि लगाए गए वृक्षों की मानिटरिंग लगातार की जाती है कि कहीं कोई पौधा सूख तो नहीं रहा है।

बताते चलें कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 21 लाख पौधों को रोपित किया गया था। जिसमें वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 90 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। इस संबंध में जिला वन अधिकारी सुंदरेसा ने बताया कि गत वर्ष 21 लाख पौधों का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 90% पौधे अभी भी जीवित हैं और शेष 10% नष्ट हो चुके हैं। उन्हें इस वर्ष पूरा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25 लाख लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित किए गए हैं जो 5 जुलाई को रोपित किए जाएंगे। विभाग द्वारा इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है और एक दिन में ही इन सभी पौधों को लगाए जाने का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।

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फिलहाल अधिकारियों के अनुसार तो लगभग सभी पौधे संरक्षित किए जाते हैं। मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जनपद के फफूंद रोड पर कई जगह पर वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों के साथ उनके ट्री गार्ड भी गायब है। इसी तरह दिबियापुर रोड पर भी यही नजारा देखने को मिलता है।

रिपोर्टर-प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया

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