UP News: बेटी पूर्वी के साथ कांग्रेस में शामिल हुए सपा के पूर्व सांसद रवि वर्मा, अजय राय ने दिलाई पार्टी की सदस्यता

UP News: समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और लखीमपुर खीरी से सांसद रहे रवि वर्मा आज कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2023-11-06 09:00 GMT

कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद रवि वर्मा (आशुतोष त्रिपाठी)

UP News: समाजवादी पार्टी से इस्तीफे देने के बाद पूर्व सांसद रवि वर्मा आज यानी सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्हें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। उनके साथ ही उनकी बेटी डॉ. पूर्वी वर्मा सैकड़ों समर्थकोें के साथ कांग्रेस में शामिल हुईं। इस मौके पर 4 ब्लॉक प्रमुख, 9 ज़िला पंचायत सदस्य और 50 ग्राम प्रधान कांग्रेस में शामिल हुए  हैं। सपा , पीस पार्टी, AIMIM पार्टी के कई पदाधिकारियों ने ली कांग्रेस की सदस्यता।


रवि प्रकाश वर्मा का राजनीतिक सफर

बता दें, रवि प्रकाश वर्मा के पिता बाल गोविंद वर्मा (Bal Govind Verma) साल 1962 से 1971 और 1980 में सांसद चुने गए थे। कुछ दिन बाद उनका देहांत हो गया। जिसके बाद हुए उपचुनाव में रवि प्रकाश की माता जी उषा वर्मा सांसद चुनी गईं। वह वर्ष 1984 से 1989 तक सांसद रहीं। फिर रवि प्रकाश वर्ष ने राजनीति में कदम रखा। वर्ष 1998 से 2004 तक सपा से सांसद रहे। इसके बाद 2014 से 2020 तक राज्यसभा सदस्य भी रहे।


खीरी सीट पर नहीं बन रही थी बात

कुल मिलकर कहें तो रवि प्रकाश वर्मा को राजनीति विरासत में मिली। उनके माता-पिता भी सांसद रह चुके हैं। अब कयास लगाया जा रहा है कि उनकी बेटी पूर्वी वर्मा (Purvi Verma) भी सपा का दामन छोड़ सकती हैं। कहा तो ये भी जा रहा है कि, समाजवादी पार्टी ने खीरी सीट से लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर रवि प्रकाश वर्मा को छोड़ किसी और नेता को प्राथमिकता दी है। रवि प्रकाश वर्मा भी इसी सीट से दावेदार थे। हालांकि, उनकी बात पार्टी आलाकमान से नहीं बन रही थी। आख़िरकार उन्होंने सपा छोड़ने का फैसला लिया।


रवि प्रकाश वर्मा बिगाड़ सकते हैं खेल?

रवि प्रकाश वर्मा पुराने राजनेता हैं। अपने इलाके में उनका कद भी बड़ा है। वो कुर्मी समाज के कद्दावर नेता हैं। लखीमपुर खीरी जिले की आबादी करीब 50 लाख के आसपास है। जिले में ओबीसी आबादी सबसे अधिक करीब 35 फीसदी है। इनमें कुर्मी आबादी सबसे ज्यादा है। समाजवादी पार्टी इसी गणित को साधते हुए रवि प्रकाश वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाती रही थी। जनवरी महीने में राष्ट्रीय महासचिव बनाने के पीछे भी इसी जाति के वोट बैंक को साधना था। 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने की बनती स्थिति को देखते हुए वो सपा से नाराज चल रहे थे। यहां बता दें कि, रवि वर्मा की बेटी पूर्वी वर्मा भी सपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

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