पिस्टल, कारतूस और बाइक, दो इनामी समेत चार गिरफ्त में

एसपी अमेठी डा. ख्याति गर्ग ने बताया कि  एसओ पीपरपुर रविन्द्र सिंह और सर्विलांस टीम के प्रभारी देवेश सिंह एवं एसओ कमरौली संदीप कुमार ने तपन दत्त मिश्रा, नन्दन सिंह, शाहरुख खान, और विजय यादव ग्राम रामचन्द्रपुर में सौरभ यादव के अर्धनिर्मित मकान से गिरफ्तार किया गया।

Update:2020-05-01 18:23 IST

अमेठीः उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की पीपरपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने अमेठी जिले के 50 हजार के ईनामी बदमाश और जौनपुर जिले के 25 हजार के ईनामी समेत चार बदमाशो को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने अवैध पिस्टल, कारतूस और बाइक बरामद किया है।

एसपी अमेठी डा. ख्याति गर्ग ने बताया कि एसओ पीपरपुर रविन्द्र सिंह और सर्विलांस टीम के प्रभारी देवेश सिंह एवं एसओ कमरौली संदीप कुमार ने तपन दत्त मिश्रा, नन्दन सिंह, शाहरुख खान, और विजय यादव ग्राम रामचन्द्रपुर में सौरभ यादव के अर्धनिर्मित मकान से गिरफ्तार किया गया।

एसपी ने बताया कि अभियुक्त तपन दत्त मिश्रा के कब्जे से 1 पिस्टल व 3 अदद कारतूस 32 बोर और लूट का 65 सौ रुपए बरामद हुआ है। नन्दन सिंह के कब्जे से 1 पिस्टल व 2 कारतूस 32 बोर बरामद हुआ। शाहरूख खान के कब्जे से 1 चाकू बरामद हुआ और विजय यादव के कब्जे से 1 चाकू बरामद हुआ। इनका साथी सौरभ यादव निवासी रामचंद्र पुर थाना पीपरपुर मौके से भाग गया।

उन्होंने बताया कि अभियुक्तो ने भदोही, प्रयागराज, व जनपद जौनपुर में लूट व डकैती आदि घटनाओं को अन्जाम दिया है। इनके कब्जे से 2 बाइक बरामद हुई जिनके कागजात मांगने पर दिखा न सके। पकड़े जाने के डर से नम्बर प्लेट बदल बदलकर घटनाओं को अन्जाम देते हैं।

एसपी अमेठी ने इसे पुलिस की बड़ी सफलता बताया और कहा कि पुलिस अपराधियों के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होने पर सवाल

हालांकि कुछ लोगों का कहना था कि पुलिस कप्तान ने अपने आफिस मे भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा डालीं। बड़ा वर्कआउट कर अपनी पीठ थपथपाने के लिए पुलिस द्वारा बरती गई ये लापरवाही चर्चा का विषय बनी रही। दरअसल पुलिस ने अपने गुड्वर्क के जरिए वाह वाही लूटने के लिए प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर मीडिया को बुलाया और खुद ब्रीफिंग एसपी डा. ख्याति गर्ग ने की। हैरत की बात ये के एसपी के ही सर पर बदमाशो समेत पुलिस फासला तो दूर बदमाशो के हाथ पकड़े खड़ी थी। सवाल ये है के जब कानून का पाठ पढ़ाने वाले बंद कमरे मे सरकार की अपील की धज्जियां उड़ा रहे तो फिर पब्लिक तो पब्लिक है।

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