Meerut News: चोरी के वाहनों को फाइनेंस का बताकर बेचने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार, चोरी की 15 मोटरसाइकिल बरामद

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के थाना लिसाड़ी गेट पुलिस और सर्विलांस की टीम ने आज बड़ा खुलासा करते हुए 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-02-25 19:11 IST

मेरठ: चोरी के वाहनों को फाइनेंस का बताकर बेचने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार, चोरी की 15 मोटरसाइकिल बरामद

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के थाना लिसाड़ी गेट पुलिस और सर्विलांस की टीम ने आज बड़ा खुलासा करते हुए 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। बदमाशों के कब्जे से चोरी की 15 बाइक बरामद की गई हैं। नगर पुलिस अधीक्षक पीयूष सिंह ने बताया कि यह बदमाश चोरी के वाहनों के चैसिस व इंजन नंबर पर टाइपिंग करके इन वाहनों को फाइनेंस का बताकर मार्केट में भेजते थे। बदमाशों के 3 साथी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

नगर पुलिस अधीक्षक के अनुसार, अपराधियों के विरुद्ध अभियान में थाना लिसाडी गेट पुलिस व सर्विलान्स टीम के संयुक्त अभियान में रहीश राणा उर्फ रहीश अहमद पुत्र रोहताश राणा, अख्तर पुत्र मौ0 अहमद, इस्लाम पुत्र इकरामुद्दीन और शमशाद उर्फ कलुआ पुत्र मौसम अली को आज चोरी की 15 अदद मोटरसाईकिल सहित गिरफ्तार किया गया है। जिसमें से अभियुक्त रहीश राणा व अख्तर के कब्जे से रहीश राणा ग्राम लिसाडी स्थित मकान से चोरी की 11 अदद मोटरसाईकिल बरामद हुई है व अभियुक्तगण इस्लाम व शमशाद उर्फ कलुआ के कब्जे से चोरी की 04 अदद मोटरसाईकिल बरामद की गयी है । इस सम्बन्ध में उपरोक्त अभियुक्तगण के विरुद्ध थाना लिसाडी गेट पर मु0अ0सं0 110/23 धारा 34/411/413/414/420/465/467/468/471 भादवि पंजीकृत कर अभि0गण को समय से न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है ।

अपराध करने का तरीका

गिरोह के सरगना रहीश राणा अपने अन्य साथी शहजाद व शहजाद का बहनोई नाम पता अज्ञात के साथ मिलकर भिन्न भिन्न स्थानों से सुपर बाइक/अच्छी कंण्डीसन की मंहगी गाडियों को चिन्हित कर चोरी करते हैं। चोरी करने के बाद उस गाड़ी को सुरक्षित अपने पास रख लेते हैं। इसके पश्चात रहीश राणा द्वारा जो वाहन चोरी किया हुआ होता है उसी से मिलता जुलता मोटर साइकिल का मेक मॉडल व रंग को देखते हुए बाजार या आस पास उसी तरह की गाड़ी खोजी जाती है। उस गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नम्बर को परिवहन एप के माध्यम से यह देखा जाता है कि वह किसी बैंक से फाइनेन्स है अथवा नहीं जब चोरी किये वाहन से मिलता जुलता वाहन जिसका फाइनेन्स होता है उस गाड़ी का रजिस्ट्रेश न0 रहीश राणा द्वारा बाजार या आस पास से खोज कर नोट कर लिया जाता है।

डिजीलॉकर के सहयोग से तैयार होती थी डुप्लीकेट कूटरचित आरसी

रजि0 नं0 प्राप्त होने के पश्चात रहीश राणा द्वारा आरटीओ कार्यालय मेरठ के बाहर दलाली करने वाले अपने साथी अख्तर पुत्र मौ0 अहमद व इमरान पुत्र नामालूम के सहयोग से उस रजि0 नम्बर डुप्लीकेट कूटरचित आरसी डिजीलॉकर के सहयोग से तैयार की जाती है जिसका मिलान परिवहन एप से करने पर इंजन नं0 ,चैसिस नं0 चैक करने पर सही होने के उपरान्त उस आरसी के रजिं0 नं0 इंजन नं0 ,चैसिस नं0 को चोरी के वाहनों पर प्रतिरुपित/टैम्पर्ड करते है। गैंग का अन्य सदस्य इस्लाम पुत्र इकरामुद्दीन जोकि पहले सोतीगंज में इंजन नं0 ,चैसिस नं0 टैम्परिंग का काम करता था। बाजार बंद होने के बाद रहीश राणा के सम्पर्क में आकर इनकी चोरी की हुई गाडियों के इंजन नं0 चैसिस नं0 हटाकर आरटीओ कार्यालय से प्राप्त आरसी के अनुसार टैम्परिंग करता है।

और ग्राहकों को बेच देते थे

गाड़ी तैयार होने के उपरान्त रहीश राणा व गैंग के अन्य साथी शमशाद उर्फ कलुआ पुत्र मौसम अली के सहयोग से ग्राहक खोजते हैं और ग्राहक मिलने पर यह बताते हैं कि यह गाड़ी इन्शयोरेन्स कम्पनी से फाइनेन्स की हुयी है जिसकी किस्त इसके मालिक द्वारा जमा नही की गयी थी। इस कारण कम्पनी ने इस गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया है। हम यह बताकर इन वाहनों को अच्छी कीमत पर बेचते हैं और ग्राहकों से इस बात का वादा करते हैं कि गाड़ी की ड्यू किस्त जमा करके आपके नाम करवा दी जायेगी।

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