काशी में तेजी से सीढ़ियां चढ़ रहीं गंगा, यहां जानें हर घंटे कितना बढ़ रहा पानी

लगातार हो रही बारिश का साइडइफेक्ट देखने को मिलने लगा है। उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों में धीरे-धीरे बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। नदियां उफान मार रही हैं। वाराणसी में भी गंगा में जलस्तर में तेजी से बढ़ाव देखने को मिल रहा है।

Update:2019-07-12 19:11 IST

वाराणसी: लगातार हो रही बारिश का साइडइफेक्ट देखने को मिलने लगा है। उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों में धीरे-धीरे बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। नदियां उफान मार रही हैं। वाराणसी में भी गंगा में जलस्तर में तेजी से बढ़ाव देखने को मिल रहा है।

एक सेंटीमीटर के हिसाब से गंगा लगातार बढ़ रही हैं। घाटों पर गंगा सीढ़ियां चढ़ने लगी हैं। फिलहाल सावधानी बरतते हुए गंगा में अस्सी और दशाश्वमेध घाट किनारे लगाई गई जेटी हटा ली गई है।

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अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा बढ़ाव

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा में अभी बढ़ाव का ट्रेंड जारी रहेगा। गंगा में अचानक से हो रहे बढ़ाव की वजह से गंगा घाट पर जमे पुजारी सुरक्षित स्थान की तरफ जाते दिखाई दिए।

नियमित होने वाली गंगा आरती स्थल पर लगे सजावट के सामान और अन्य चीजों को भी हटाया जाने लगा है। खतरे को देखते हुए जल पुलिस भी मुस्तैद हो गई है।

श्रद्धालुओं को घाट किनारे ही स्नान की इजाजत दी गई है। जिला प्रशासन ने नाविकों को भी अलर्ट कर दिया है। ओवरलोडिंग करने वाले नाविकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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तो बदलना होगा स्थान

अगर गंगा में बढ़ाव का क्रम इसी तरह जारी रहा तो आने वाले कुछ दिनों में घाट किनारे के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गंगा आरती का स्थान भी बदलना पड़ सकता है। यही नहीं मणिकर्णिका घाट पर शवों के दाह संस्कार का स्थान बदलने लगा है। सीढ़ियों के बिल्कुल करीब जैसे-तैसे अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

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बढ़ते जलस्तर पर केंद्रीय जल आयोग की नजर

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गुरुवार को गंगा का जलस्तर हर घंटे दो सेमी बढ़ा। कंट्रोल रूम के अनुसार, बुधवार को गंगा का जलस्तर 58.96 मीटर था, जबकि गुरुवार रात 10 बजे गंगा का जलस्तर 66 सेमी बढ़कर 59.24 मीटर हो गया। गंगा का जलस्तर बढ़ने का क्रम अभी जारी है। आयोग के अधिकारियों के अनुसार गंगा के बढ़ने का क्रम प्रति घंटे दो सेमी है।

9 नवंबर 1978 को काशी में गंगा का जलस्तर 73.90 मीटर रहा। खतरे का निशान 71.26 और चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है। बारिश का 60 फीसदी से अधिक जल गंगा के माध्यम से काशी पहुंचता है। गंगा के अपस्ट्रीम में अगले कुछ दिनों में ऐसी बारिश हुई तो काशी में गंगा की और सीढ़ियां डूबेगी। गंगा की डाउन स्ट्रीम गाजीपुर और बलिया तक पड़ेगा।

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