सितंबर में बाढ़ का सितम, बनारस में गलियों की ओर चलीं गंगा
बाढ़ ने पूरे पूर्वांचल को अपने गिरफ्त में ले रखा है। बनारस से लेकर बलिया तक बाढ़ की ऐसी हाहाकारी तस्वीरें सामने आई हैं, जिससे लोग दहशत में हैं। बनारस के अस्सी घाट के सुबह-ए-बनारस के मंच पर नावें तैर रही हैं। घाट की सीढ़ियां अब बच्चों के लिए स्वीमिंग पूल बन चुके हैं।
वाराणसी: बाढ़ से आधा हिंदुस्तान बेहाल है। पूर्वांचल में भी गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। तटवर्ती इलाके जलमग्न हो चुके हैं तो लाखों लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर चल पड़े हैं। कुदरत के इस कहर से बचने की हर जुगत हो रही है। सितंबर महीने में बाढ़ की ऐसी तस्वीरें बहुत कम देखने को मिलती है।
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बाढ़ ने पूरे पूर्वांचल को अपने गिरफ्त में ले रखा है। बनारस से लेकर बलिया तक बाढ़ की ऐसी हाहाकारी तस्वीरें सामने आई हैं, जिससे लोग दहशत में हैं। बनारस के अस्सी घाट के सुबह-ए-बनारस के मंच पर नावें तैर रही हैं। घाट की सीढ़ियां अब बच्चों के लिए स्वीमिंग पूल बन चुके हैं। सुबह से लेकर शाम तक बच्चों की टोली यहां मस्ती करती दिख रही है। किनारे खड़ी अलकनंदा क्रूज को भी गंगा के गुस्से को शांत होने का इंतजार है।
गलियों की ओर चली गंगा
सिर्फ अस्सी घाट ही नहीं कमोबेश सभी घाटों का यही हाल है। बनारस में गंगा का रौद्र रुप लोगों को डरा रहा है। घाट के बाद अब गंगा ने गलियों का रुख करना शुरु कर दिया है। माना जा रहा है कि अगले एक या दो दिन तक बाढ़ के यही हालात रहे तो शहर के अंदर पानी घुस जाएगा।
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बाढ़ का सबसे अधिक सितम तटवर्ती इलाकों में देखने को मिल रहा है। सामने घाट, नगवां, मारुति नगर, रामनगर इलाकों में लोगों ने बाढ़ के रौद्र रुप को देख पलायन करना शुरु कर दिया है। लोग अपने सामान के साथ सुरक्षित ठिकानों की ओर चल पड़े हैं।
वरुणा भी उफान पर
वाराणसी के लोगों पर बाढ़ की दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ गंगा गुस्से में हैं तो दूसरी ओर वरुणा ने भी हाहाकार मचा रखा है। वरुणा के जलस्तर में भारी वृद्धी देखने को मिल रही है। आसपास के इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। हालात से निबटने के लिए एनडीआरएफ सहित जिला प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
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बाढ़ चौकियां बनाने के साथ ही पल-पल के हालात पर नजर बनाए रखने के लिए कंट्रोल रुप बनाया गया है। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया।