जीईटी एंड डी इंडिया लिमिटेड कंपनी को ऐसे बचाएगी योगी सरकार

कर्मचारी संघ का कहना है कि कंपनी को बंद ना होने दिया जाए। जी. ई. कंपनी इस यूनिट को चलाएं या किसी अच्छी कंपनी में विलय करा दें। जिससे कर्मचारियों को बेरोजगार होने से और औद्योगिक क्षति के साथ-साथ क्षेत्र के विकास को प्रभावित होने से रोका जा सके।

Update:2019-11-13 19:28 IST

लखनऊः प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना की अध्यक्षता में आज यहां प्रयागराज के नैनी स्थित जीईटी एंड डी. इंडिया लिमिटेड कंपनी के बंद होने के संबंध में कर्मचारी संघ एवं प्रबंधन के साथ सांसद रीता बहुगुणा जोशी के अगुवाई में औद्योगिक विकास मंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्य से अवगत कराया जिस पर मंत्री ने समस्या के समाधान का आश्वाशन दिया।

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कंपनी को बंद ना होने दिया जाए

कर्मचारी संघ का कहना है कि कंपनी को बंद ना होने दिया जाए। जी. ई. कंपनी इस यूनिट को चलाएं या किसी अच्छी कंपनी में विलय करा दें। जिससे कर्मचारियों को बेरोजगार होने से और औद्योगिक क्षति के साथ-साथ क्षेत्र के विकास को प्रभावित होने से रोका जा सके। जिस पर प्रबंधन पक्ष ने कंपनी को अच्छी कंपनी में विलय करने की बात को स्वीकार किया और औद्योगिक मंत्री के समक्ष अगले 45 दिन का समय मांगते हुए आश्वासन दिया कि हम अच्छी कंपनी का नाम लेकर आएंगे। बायर के आने की प्रक्रिया संपन्न होने पर अंत में कर्मचारी संघ से बात किया जाएगा।

यह आश्वासन कंट्री एचआर हेड अमरेश सिंह ने दिया। जिस पर कर्मचारी संघ ने अपनी सहमति जताई। वार्ता के दौरान मंत्री द्वारा अच्छी कंपनी में विलय कराने की बात कही जिससे कि यूनिट को और अच्छी तरीके से चलाया जाए। साथ में यह भी कहा गया कि आप कोई ऐसी कंपनी ना लेकर आए जो कि यूनिट को चलाने में सक्षम ना हो। जिस पर प्रबंधन की तरफ से आश्वासन दिया गया कि हम अच्छी कंपनी ही लेकर आएंगे। तब तक कंपनी में यथास्थिति बहाल करने की बात स्वीकार किया गया है।

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नैनी के बंद हुए उद्योगों को पुनः चलाने की बात

बैठक में सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने यह बात भी रखी कि प्रयागराज में 400 एकड़ जमीन आज भी खाली पड़ी है, जिस पर नए उद्योगों को लगाया जा सकता है। उन्होंने औद्योगिक मंत्री के समक्ष यह प्रस्ताव रखा कि नैनी क्षेत्र के उद्योग को बढ़ाने के लिए हर संभव मदद किया जाए। नैनी के बंद हुए उद्योगों को पुनः चलाने की बात कही और यह भी कहा गया कि उद्योगों को पुनः चलाने में ज्यादा इन्वेस्ट करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आसानी से पुनः चालू किया जा सकता है। इस पर औद्योगिक मंत्री इस पर आगे वार्ता करने का आश्वासन दिया। वार्ता में और भी बिंदुओं पर चर्चा हुई जिससे कि नैनी के उद्योगों को बढ़ावा मिल सके।

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