Mukhtar Ansari Case: गैंगस्टर के तीसरे मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा, पांच लाख का जुर्माना
Mukhtar Ansari Case: अपराध के रास्ते राजनीति में सफलता का परचम लहराने वाले मुख्तार के लिए आज यानी शुक्रवार का दिन बेहद अहम है।
Mukhtar Ansari Case: तीन दशक से अधिक समय से पूर्वांचल में जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह रहा माफिया मुख्तार अंसारी के एक-एक गुनाहों का हिसाब हो रहा है। अपराध के रास्ते राजनीति में सफलता का परचम लहराने वाले मुख्तार को एक और मामले में सजा सुनाई गई है। गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने माफिया को 10 साल की सजा सुनाने के साथ-साथ पांच लाख रूपये का जुर्माना लगाया है। उसके सहयोगी सोनू यादव को भी पांच साल की सजा सुनाई गई है और दो लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है।
माफिया मुख्तार के वकील लियाकत अली ने एमपी/एमएलए कोर्ट के आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है। दरअसल, कल यानी गुरूवार 26 अक्टूबर को ही गैंगस्टर मामले में गाजीपुर एमपी/एमएलए कोर्ट के जज अरविंद मिश्र ने मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी सोनू यादव को दोषी करार दिया था। अदालत ने आज इस मामले में सजा का ऐलान किया है।
इस केस के गैंग चार्ट में कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन पर हमले का मामला शामिल था। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी 2005 से सलाखों के पीछे है। फिलहाल वह बांदा जेल में बंद है। गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही उसकी कोर्ट में पेशी कराई गई थी। जज ने जैसे ही उसे दोषी करार दिया, मुख्तार के चेहरे की रंगत गायब हो गई। जिस कानून की वह धज्जियां उड़ाते आया था, आज उसी के सामने नतमस्तक था और रहम की भीख मांग रहा था।
क्या है दोनों मामले ?
साल 2009 में करंडा ब्लॉक के सुवापुर गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक कपिलदेव सिंह की हत्या कर दी गई थी। उस पर पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाया गया था। इस हत्या के दौरान माफिया मुख्तार अंसारी जेल में था। हत्या की विवेचना के दौरान मुख्तार का नाम केस से जोड़ा गया। 120बी के तहत उस पर साजिश रचने का मुकदमा दर्ज हुआ। हालांकि, पुलिस उसकी भूमिका साबित नहीं कर पाई और वह बरी हो गया।
दूसरा मामला मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के मीर हसन को जान से मारने की धमकी देने से जुड़ा है। इस केस में भी माफिया बरी हो चुका है। साल 2010 में गाजीपुर पुलिस ने इन दोनों ही मामलों में गैंग चार्ट बनाया था। दोनों मूल केस में बरी हो चुके मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में कोर्ट ने दोषी ठहराया है।
गैंगस्टर के तीसरे मामले में दोषी करार
माफिया मुख्तार अंसारी को तीसरी बार गैंगस्टर केस में दोषी ठहराया गया है। इससे पहले उसे बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड और अवधेश राय हत्याकांड के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। कृष्णानंद राय केस में उसे 10 साल की सजा मिली है। इस केस में उसके बड़े भाई अफजाल अंसारी को भी दोषी ठहराया गया था, जिसके कारण गाजीपुर संसदीय सीट से उनकी संसद सदस्यता चली गई थी। वहीं, अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार को उम्रकैद की सजा मिली है। अवधेश राय मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई थे। 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के लहुराबीर क्षेत्र में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सजा के दौरान सोनू यादव कोर्ट में रहा पेश
एमपी एमएल कोर्ट में गैगस्टर मामले में जब अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर तीन अरविंद कुमार मिश्र की अदालत ने जब सजा सुना रहे थे। उस दौरान सौनू यादव कोर्ट में शांत खड़ा था। जबकि मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग से अपने गुनाहों की सजा को सुन रहा था। जब कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दस साल व पाच लाख का जुर्माना व उसके सहयोगी सोनू यादव को पांच साल की सजा व दो लाख का जुर्माना लगाया तो दोनों के होश उड़ गये।
छावनी में तब्दील था कोर्ट परिसर
बाहुबली मुख्तार अंसारी व उसके साथी सोनू यादव को जब सजा सुनाया जा रहा था । तब कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील था। सुरक्षा ऐसी की एक परिंदा पर भी ना मान सके।