Mahashivratri 2024: गाजीपुर का महाहर धाम, जहां राजा दशरथ ने की थी भोले नाथ की स्थापना
Mahashivratri 2024: गाजीपुर जनपद का महत्व राजा दशरथ और श्रवण कुमार से भी जुड़ा हुआ है। कहा जाता है की इसी जगह पर महाराजा दशरथ ने श्रवण कुमार को शब्दभेदी बाण भी मारा था ।
Mahashivratri 2024: सावन माह व शिवरात्रि के दिन गाजीपुर जनपद के मरदह ब्लाक स्थित महाहर धाम (Mahahar Dham ) का महत्व काफी बढ़ जाता है। वहीं इस धाम की पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व भी है। इस जगह का महत्व राजा दशरथ (Dasharatha) और श्रवण कुमार (Shravan Kumar) से भी जुड़ा हुआ है। कहा जाता है की इसी जगह पर महाराजा दशरथ ने श्रवण कुमार को शब्दभेदी बाण भी मारा था ।
राजा दशरथ ने शिवलिंग की स्थापना की थी
किवदंती है की जब श्रवण कुमार यहां पर अपने माता पिता को पानी पिलाने के लिए श्रवण कुमार जब जल भर रहे थे । उसी दौरान महाराज दशरथ इसी जगह पर शिकार कर रहे थे । उन्हें लगा की तालाब में कोई जानवर पानी पी रहा है । तब उन्होंने बाण चला दिया जिससे श्रवण कुमार की मौत हो गई । अपने पुत्र के मौत की सूचना पाकर श्रवण कुमार के माता पिता भी महाराजा दशरथ को श्राप दे कर अपने शरीर क़ो त्याग दिया । तब महाराज दशरथ ने प्रायश्चित करने के लिए शिव मंदिर का निर्माण कराया ।
श्रवण कुमार के नाम पर गांव
गाजीपुर जनपद के मरदह ब्लाक स्थित सरडीह गांव के बारे में वहां के लोग बताते है की अयोध्या नरेश महाराजा दशरथ इस स्थान पर शिकार खेल रहे थे । इसी दौरान श्रवण कुमार अपने माता पिता को लेकर तिर्थयात्रा पर निकले थे । इस जगह आने के उपरांत जब माता पिता को प्यास लगी तो श्रवण कुमार तालाब में पानी भरने गये । तभी दशरथ का शब्दभेदी बाण उन्हें लग गया । यहां के लोग बताते है की ये तालाब वहीं है जहां श्रवण कुमार जल भर रहे थे ।
शिवमंदिर स्थापना की दुसरी कहांनी
महाहर धाम में शिव मंदिर के स्थापना की एक दुसरी कहांनी भी है । कहां जाता है की मंदिर का निर्माण एक निः सन्तान एक व्यक्ति ने कराया था । यहां के लोग बताते है की उस व्यक्ति को कोई सन्तान नहीं था । इस दौरान भगवान शिव ने उस व्यक्ति को स्वपन में कहा की तुम एक मंदिर का निर्माण करो । तब उस व्यक्ति ने भगवान शिव के मंदिर का निर्माण कराया ।