Mukhtar Ansari Political History: 1996 में पहली बार BSP के टिकट पर बने विधायक
Mukhtar Ansari Political History: मुख्तार अंसारी पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गए। विधायक बनने के बाद मुख्तार अंसारी का तूती बोलने लगी।
Mukhtar Ansari Political History: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का बांदा के मेडिकल कॉलेज में हार्टअटैक से मौत हो चुकी है। माफिया मुख्तार अंसारी डॉन के साथ साथ एक विधायक भी था। मुख्तार अंसारी का दबदबा जितना बाहुबलियों में था उतना ही दबदबा राजनीति में था। मुख्तार अंसारी पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गए। विधायक बनने के बाद तो मुख्तार अंसारी का तूती बोलने लगी।
1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर बना विधायक
बाहुबली मुख्तार अंसारी पहली बार 1996 में बसपा के टिकट पर मऊ से चुनाव लड़े और जीत गये। कहा जाता है की मुख्तार अंसारी चुनाव से पहले नतीजे भांप जाते थे। और पाला बदलकर वो उसी पार्टी से चुनाव मैदान में आ जाते और फिर विधायक बन जाते। मुख्तार अंसारी मऊ की सिट से लगातार पांच बार विधायक बने।
2002 में निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे
मुख्तार अंसारी 2002 के विधानसभा चुनाव में बसपा छोड़ मऊ की घोषि सिट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और जीत का परचम लहराकर विधानसभा पहुंचे तो वहीं 2007 के विधानसभा चुनाव में मऊ सीट से ही एक बार निर्दलीय लड़ने का फैसला किया। इस बार भी मुख्तार विजेता होकर विधानसभा पहुंचे ।
2012 में कौमी एकता दल से लड़ा चुनाव
मुख्तार अंसारी 2012 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी कौमी एकता दल गठित की और घोषि सीट से चुनाव लड़ा। जहां जनता ने उनके उपर विश्वास करते हुए एक बार फिर विधानसभा भेजा ।
2017 में थामा बसपा का दामन
कृष्णानंद राय हत्या कांड में नाम आने के बाद मुख्तार अंसारी को जेल जाना पड़ा। जेल में रहते ही मुख्तार अंसारी 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा का दामन थाम लिया। जेल में रहते ही मुख्तार मऊ की सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ा। इस बार भी मुख्तार पर भरोसा जताते हुए जनता ने मुख्तार को विधानसभा भेज दिया ।