Gorakhpur News: काशी की तर्ज पर गोरखपुर के रामगढ़झील में चलेगा क्रूज

Gorakhpur News: वाराणसी की तर्ज पर अब जल्द ही पर्यटक रामगढ़ताल में भी क्रूज की सैर कर सकेंगे। शुक्रवार को ही जीडीए बोर्ड बैठक में क्रूज चलाने पर सहमति बन गई है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-07-04 01:01 GMT

गोरखपुर के रामगढ़झील में चलेगा क्रूज, (नौका विहार का आनंद लेते सीएम योगी)  : फोटो- सोशल मीडिया

Gorakhpur News: वाराणसी की तर्ज पर अब जल्द ही पर्यटक रामगढ़ताल में भी क्रूज की सैर कर सकेंगे। शुक्रवार को ही जीडीए बोर्ड बैठक में क्रूज चलाने पर सहमति बन गई है। प्राधिकरण रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के जरिए इसका संचालन करने की इच्छुक फर्म से आवेदन मांगेगा। जिसका प्रस्ताव सबसे अच्छा होगा, उसे अनुमति दी जाएगी।

होटल रेडिसन ब्लू की तरफ से रामगढ़ताल में क्रूज चलाने का पहले ही प्रस्ताव दिया गया था। बोर्ड बैठक में इसकी जानकारी रखी गई तो तय हुआ कि और भी फर्म को आमंत्रित किया जाए। जिसका प्रस्ताव सबसे ठीक हो उसे अनुमति दी जाए। ताल में अभी पर्यटकों के ‌लिए स्पीड बोटिंग की ही सुविधा है। जीडीए की तरफ से दो फर्म इसका संचालन कर रही हैं तो पर्यटन विभाग भी एक फर्म के जरिए बोटिंग का संचालन कर रहा है।

पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी

क्रूज शुरू हो जाने से यहां और भी पर्यटक आकर्षित होंगे। वाराणसी के गंगा की ही तरह रामगढ़ताल में भी दो फ्लोर का क्रूज चलाने की तैयारी है। सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस क्रूज में पर्यटक सैर करते हुए जायके का भी आनंद ले सकेंगे।

गोरखपुर के रामगढ़झील में चल रहा सफाई का काम: फोटो- सोशल मीडिया

उधर कोरोना काल में बोटिंग बंद होने की वजह से फर्मों ने जीडीए से किराया में छूट देने का अनुरोध किया है। इसपर भी शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में चर्चा हुई। तय हुआ कि फाइनेंस ऑफिसर यह आकलन कर लें कि कितनी छूट दी जा सकती है और इसकी रकम कितनी होगी। माना जा रहा है कि इन फर्मों को जल्द ही किराए में छूट मिल सकती है। सचिव राम सिंह गौतम ने बताया कि इसकी रिपोर्ट फाइनेंस ऑफिसर तैयार करेंगे।

वाटर बॉडी में ले सकेंगे बोटिंग का आनंद

रामगढ़ताल के आस-पास के पूरे क्षेत्र को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने में जुटे गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने ताल के सामने स्थित 42.5 एकड़ में फैली वाटर बॉडी के सुंदरीकरण के लिए फर्म का चयन कर लिया है। यह फर्म वर्ष 2021-22 से 2026-27 यानी पांच साल तक वाटर बॉडी की सफाई करेगी। इन पांच सालों में फर्म, जीडीए को 20 लाख रुपये भी देगी। बदले में उसे पछली पालन के साथ ही आखेट का भी अधिकार मिलेगा। जल्द ही सफाई का काम शुरू हो जाएगा।

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