Mukhtar Ansari का बेटा पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनाजे में शामिल होने की लगाई गुहार

Mukhtar Ansari : मुख्तार अंसारी की मौत के बाद जनाजे में शामिल होने के लिए जेल में बंद उनके बेटे अब्बास अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

Written By :  Rajnish Verma
Update: 2024-03-29 12:33 GMT

Mukhtar Ansari का बेटा पंहुचा सुप्रीम कोर्ट, जनाजे में शामिल होने की लगाई गुहार (Photo - Social Media)

माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की गुरुवार (28 मार्च) को हार्ट अटैक से बांदा जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद शनिवार को उनके पैतृक निवास गाजीपुर स्थित मोहम्मदाबाद में अंतिम संस्कार होगा। अपने पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए जेल में बंद उनके बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अब्बास की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज रात में सुनवाई नहीं करेगा। बता दें कि इससे पहले उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था, फिलहाल उसकी याचिका पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी है।

मुख्तार अंसारी का बेटा विधायक अब्बास अंसारी कासगंज जेल में बंद है। अब्बास अंसारी पर पत्नी निकहत अंसारी से जेल में अवैध तरीके से मुलाकात करने और स्टाफ को धमकाने, ईडी द्वारा दर्ज किया गया केस और गैंगेस्टर के तहत मुकदमा दर्ज है। इन मामलों में अभी उसे जमानत नहीं मिली है।

हाईकोर्ट में नहीं हुई सुनवाई 

माफिया मुख्तार की मौत के बाद अपने पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी है। इसके बाद अब्बास के वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। गुड फ्राइडे का अवकाश होने के कारण वेकेशन आफीसर से सम्पर्क किया है और जल्द से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है। अब अगर सुप्रीम कोंर्ट जनाजे में शामिल होने की अनुमति देता है तो वह उसमें शामिल हो सकेगा। हालांकि देर शाम सूचना मिली है कि रात में सुप्रीम कोर्ट कोई सुनवाई नहीं करेगा।

मुख्तार का शव गाजीपुर के लिए लेकर रवाना

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बांदा मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम किया गया है। इसके बाद सभी कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद लगभग 4.30 बजे उसके परिवार को शव सौंप दिया गया है। मुख्तार का शव लेकर उनका बेटा उमर अंसारी और बहू निखत कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बांदा से गाजीपुर के लिए रवाना हो चुके हैं।

मुख्तार का शव लेकर जा रहे काफिले में 26 वाहन शामिल हैं, इसमें 2 बज्र वाहन भी हैं। बांदा से गाजीपुर की दूरी लगभग 400 किलोमीटर है, इसलिए शव को पहुंचने में आठ से नौ घंटे का समय लगेगा। इसके बाद शनिवार सुबह नमाज के बाद मुख्तार के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

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