Gorakhpur News: नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ऐप पर करें शिकायत, मिलेगा हक

Gorakhpur News: उपभोक्ता मामलों को मंत्रालय द्वारा विकसित नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ऐप से शिकायत दर्ज कर हक पा रहे हैं।

Published By :  Chitra Singh
Update:2021-06-20 16:15 IST

नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ऐप (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

गोरखपुर: प्रोडक्ट की गारंटी और क्वालिटी को लेकर कंपनियों की मनमानी को लेकर उपभोक्ताओं (Consumers) द्वारा ग्राहकों (Customers)की अनदेखी को लेकर न्याय उपभोक्ता फोरम में मिलता है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ग्राहकों के लिए एक और प्लेटफार्म मुहैया कराया है, जहां ग्राहकों को हक मिल रहा है। तमाम लोग उपभोक्ता मामलों को मंत्रालय द्वारा विकसित नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ऐप (National Consumer Helpline App) से शिकायत दर्ज कर हक पा रहे हैं।

गोरखपुर में विजय चौक निवासी और कारोबारी अक्षत रूंगटा ने पिछले दिनों एक ब्रांडेड कंपनी का ईयरफोन (Earphone) खरीदा था। गारंटी पीरियड में ईयरफोन खराब हुआ तो वे सर्विस सेंटर पर पहुंचे। जहां कर्मचारियों ने उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया कि ईयर फोन में तकनीकी खराबी नहीं है। वह गिरने से टूटा है। जिसपर उन्होंने कहा कि किसी अन्य तकनीकी अधिकारी से इसकी पुष्टि करा लें। लेकिन उनकी बात को दरकिनार कर दिया गया।

इस ऐप पर ग्राहक कर सकते हैं शिकायत

इसके बाद उन्होंने नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ऐप (National Consumer Helpline App) पर शिकायत की। जिसके बाद 48 घंटे के अंदर उनका ईयरफोन रिप्लेस हो गया। सर्विस सेंटर की तरफ से माफी भी मांगी गई। मोबाइल कारोबारी अरण्य सिंह बताते हैं कि सर्विस सेंटर द्वारा सर्वाधिक मनमानी मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स में होता है। जहां तय करना मुश्किल होता है कि मोबाइल तकनीकी दिक्कतों से खराब है या फिर डैमेज हुआ है। ऐसे में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन ऐप से काफी ग्राहकों को लाभ हुआ है। ग्राहकों को अपना हक जानना होगा।

ऐसे करें शिकायत

उपभोक्ता को यदि लगता है कि कंपनी या सर्विस सेंटर द्वारा उनकी बात नहीं सुनी जा रही है तो वह मिनिस्ट्री ऑफ कन्जूमर अफेयर की साइट या फिर ऐप डाउनलोड कर शिकायत कर सकते हैं। ऐप प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन लिखकर ऐप को अपलोड किया जा सकता है। इसके बाद उपभोक्ता की पूरी डिटेल मांगी जाती है। एक बार रजिस्टर होने के बाद सिर्फ लॉग-इन कर कोई भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। शिकायत का संज्ञान खुद मंत्रालय लेता है। मंत्रालय सीधे कंपनी से प्रोडक्ट के बारे में संवाद करता है। जिसकी अपडेट पंजीकृत ई-मेल पर आती रहती है। यदि इसके बाद भी ग्राहक संतुष्ट नहीं होता है तो उसे उपभोक्ता फोरम में जाने की छूट रहती है।

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