पुलिस-सपाइयों में झड़प: गोखपुर में जमकर प्रदर्शन, नोकझोंक के बाद नारेबाजी
बीजेपी सरकार की कृषि नीतियों के विरोध में व किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आह्वान पर सोमवार को सपा कार्यकर्ताओं ने खोराबार ब्लॉक में किसान पदयात्रा निकाली।
गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर में सपाईयों ने किसान आंदोलन के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया। खोराबार में बड़ी संख्या में पदयात्रा निकाल रहे सपाईयों से पुलिस की हल्की नोकझोंक हुई। पुलिस ने जिलाध्यक्ष के साथ फोरलेन पर जा रहे कार्यकर्ताओं को रोका तो उन्होंने योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ये भी पढ़ें:प्लेन के अनसुने फैक्ट्स: क्यों खिड़कियों के शटर खुलते हैं, आप नहीं जानते होंगे
बीजेपी सरकार की कृषि नीतियों के विरोध में व किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आह्वान पर सोमवार को सपा कार्यकर्ताओं ने खोराबार ब्लॉक में किसान पदयात्रा निकाली। यह पदयात्रा खोराबार से होते हुए मोतीराम अड्डा तक जानी थी। लेकिन प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें आगे जाने से रोक लिया। इसके बाद विरोध में कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में सड़क पर ही बैठ गए। और वहीं धरना देना शुरू कर दिया है।
तानाशाह भाजपा सरकार की पुलिस रोकने की कोशिश कर रही है
जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि ‘तानाशाह भाजपा सरकार की पुलिस रोकने की कोशिश कर रही है।’ पूर्व विधायक विजय प्रताप यादव ने कहा कि ‘पुलिस के बल पर सत्ता चला रही भाजपा सरकार समाजवादियों का हौसला कभी नहीं तोड़ सकती। किसानों के मुद्दे पर सपाई आरपार का संघर्ष करेंगे।’
ये भी पढ़ें:कल भारत बंद: प्रदर्शन 11 बजे दिन से दोपहर 3 बजे तक- राकेश टिकैत, प्रवक्ता, भारतीय किसान यूनियन
महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम का कहना है कि ‘पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश भर के किसान पदयात्रा निकाल रहे हैं। केन्द्र और प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान अपने ही खेत में मजदूर होंगे। सरकार के इस मंशा को पूरा होने नहीं दिया जाएगा।’ सपा के मीडिया प्रभारी राजू तिवारी ने कहा कि ‘धान क्रय केन्द्रों पर ताला लटका हुआ है। किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेच रहे हैं। बाद में यही फसल डेढ़ गुने रेट पर सरकार के गोदामों में पहुंच रही है। करोड़ों के इस बंदरबांट को सरकार कानून का दर्जा देना चाहती है। इससे मंजूर नहीं किया जा सकता है।’
रिपोर्ट- पूर्णिमा श्रीवास्तव
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।