Amarmani Tripathi Case: 20 साल की कैद से रिहाई के बाद भी अस्पताल में अमरमणि-मधुमणि, वजह, बीमारी या फिर कुछ और!

Amarmani Tripathi Case: मधुमिता शुल्का हत्याकांड में 20 साल से अधिक समय बाद जेल से मिली रिहाई के बाद भी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं।

Update:2023-08-27 10:05 IST
Amarmani- Madhumani in Hospital, Gorakhpur (Photo: Social Media)

Amarmani Tripathi Case: मधुमिता शुल्का हत्याकांड में 20 साल से अधिक समय बाद जेल से मिली रिहाई के बाद भी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं। लोगों के बीच यह चर्चा है कि आखिर रिहाई के लिए तमाम पैतरे चलने वाले अमरमणि वास्तव में बीमारी के चलते मेडिकल कॉलेज में हैं या फिर विवादों से बचने के लिए वह ‘बीमार’ हैं।

गोरखपुर मंडलीय कारागार के जेलर ने शुक्रवार की देर रात ही औपचारिकता पूरी कर ऐलान कर दिया था कि अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को न्यायिक अभिरक्षा से मुक्त कर दिया गया है। कयास लगाए जा रहे थे कि अमरमणि जेल से रिहाई के बाद अपने गोरखपुर या फिर नौतनवा निवास पर जा सकते हैं। लेकिन रिहाई के कई घंटे गुजरने के बाद भी अमरमणि अस्पताल में ही भर्ती है। उनके पुत्र अमनमणि त्रिपाठी का कहना है कि माता-पिता अभी भी चिकित्सकों की निगरानी में हैं। तबीयत ठीक होगी तभी चिकित्सक डिस्चार्ज करेंगे।

के परामर्श के बाद ही माता-पिता डिस्चार्ज होंगे। हालांकि चर्चा यह भी है कि किसी विवाद से बचने के लिए ही अमरमणि अस्पताल से नहीं निकल रहे हैं। उनके विरोधी पिछले कई दिनों से जेल में बंदी के दौरान अस्पताल में भर्ती होकर मस्ती करने और रिहाई के बाद चंगा होने का आरोप लगा रहे हैं। अमरमणि के चिरप्रतिद्धंदी पूर्व विधायक कौशल किशोर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने रिहाई की खबरों के बीच आरोप लगाया था कि अमरमणि बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।

अमरमणि मानसिक रूप से बीमार

बीआरडी के डॉक्टरों के मुताबिक, 66 की उम्र पूरी कर चुके अमरमणि मानसिक रूप से बीमार हैं। रात में भयानक सपने आना और नींद न आने की भी दिक्कत है। उनका इलाज मानसिक रोग विभागाध्यक्ष डॉ. तपस कुमार आइच की देखरेख में हो रहा है। मानसिक रोग के साथ पूर्व मंत्री को हृदय संबंधी समस्या भी है। डॉक्टरों की माने तो पूर्व मंत्री के दोनों पैरों में सूजन भी है। वहीं दंत रोग और जनरल सजर्री में भी वह भर्ती हो चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी मधुमणि भी कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। उनकी कमर व घुटने में दर्द और गठिया की भी शिकायत है। वर्तमान में सर्वाइकल की समस्या होने से न्यूरो सर्जरी विभाग में उपचार हो रहा है।

लंबे समय से मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं दंपत्ति

9 मई 2003 को लखनऊ के पेपर मिल कालोनी में कवयित्री मधुमिता की घर में घुसकर गोली मार कर हत्या की गई थी। इस मामले की सीबीआई ने जांच की और 2005 में सीबीआई ने अमर मणि और उसके बाद मधुमणि को गिरफ्तार किया। सुनवाई के बाद 24 अक्टूबर 2007 से पूर्वमंत्री अमरमणि और मधुमणि को उम्रकैद की सजा हुई थी। पहले उन्हें हरिद्वार की जेल में रखा गया। इसके बाद चार दिसंबर, 2008 को मधुमणि को हरिद्वार की जेल से गोरखपुर स्थानांतरित किया गया, जबकि अमरमणि 13 मार्च, 2012 को यहां लाए गए थे। जेल में दोनों बीमार हो गए।

मधुमिता शुल्का हत्याकांड में 20 साल से अधिक समय बाद जेल से मिली रिहाई के बाद भी पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं। लोगों के बीच यह चर्चा है कि आखिर रिहाई के लिए तमाम पैतरे चलने वाले अमरमणि वास्तव में बीमारी के चलते मेडिकल कॉलेज में हैं या फिर विवादों से बचने के लिए वह ‘बीमार’ हैं।

गोरखपुर मंडलीय कारागार के जेलर ने शुक्रवार की देर रात ही औपचारिकता पूरी कर ऐलान कर दिया था कि अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को न्यायिक अभिरक्षा से मुक्त कर दिया गया है। कयास लगाए जा रहे थे कि अमरमणि जेल से रिहाई के बाद अपने गोरखपुर या फिर नौतनवा निवास पर जा सकते हैं। लेकिन रिहाई के कई घंटे गुजरने के बाद भी अमरमणि अस्पताल में ही भर्ती है। उनके पुत्र अमनमणि त्रिपाठी का कहना है कि माता-पिता अभी भी चिकित्सकों की निगरानी में हैं। तबीयत ठीक होगी तभी चिकित्सक डिस्चार्ज करेंगे। चिकित्सकों के परामर्श के बाद ही माता-पिता डिस्चार्ज होंगे। हालांकि चर्चा यह भी है कि किसी विवाद से बचने के लिए ही अमरमणि अस्पताल से नहीं निकल रहे हैं। उनके विरोधी पिछले कई दिनों से जेल में बंदी के दौरान अस्पताल में भर्ती होकर मस्ती करने और रिहाई के बाद चंगा होने का आरोप लगा रहे हैं। अमरमणि के चिरप्रतिद्धंदी पूर्व विधायक कौशल किशोर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने रिहाई की खबरों के बीच आरोप लगाया था कि अमरमणि बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।

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