Gorakhpur: मोदी 3.0 में मंत्री बने कमलेश पासवान का पूरा परिवार सियासत में, पिता की बम मारकर हुई थी हत्या

Gorakhpur News: मंत्री बने कमलेश पासवान 2009 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। इनका पूरा परिवार सियासत में रहा है। इनकी मां सपा के टिकट से सांसद चुनी गई थीं।

Update: 2024-06-09 12:06 GMT

मां सुभावती पासवान और पत्नी रितु पासवान के साथ कमलेश पासवान (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: नरेन्‍द्र मोदी सरकार 3.0 में पहली बार मंत्री बनने वालों में यूपी की बांसगांव (सुरक्षित) संसदीय सीट से चौथी बार चुने गए कमलेश पासवान भी हैं। उनके पिता और पूर्व विधायक ओम प्रकाश पासवान की बांसगांव में चुनावी सभा में वर्ष 1996 में बम मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद उनकी मां सुभावती पासवान सपा के टिकट पर बांसगांव से सांसद का चुनाव जीतीं। कमलेश पासवान पहली बार सपा के ही टिकट पर मानीराम से विधानसभा का चुनाव जीते थे।

2009 से लगातार जीत रहे चुनाव

कमलेश पासवान बांसगांव लोकसभा सीट से 2009 से लगातार जीत रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के सदल प्रसाद को 3150 वोटों के मामूली अंतर से हराकर जीत हासिल की है। 2019 में उन्होंने सदल प्रसाद को हराया था। कमलेश ने पहली बार 2009 में बांसगांव लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद 2014 में भी उन्होंने जीत हासिल की। कमलेश पासवान वर्ष 2002 में सपा के टिकट पर मानीराम विधानसभा से जीत हासिल कर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। वह याचिका समिति सदस्‍य, खाद्य उपभोक्‍ता मामले और सार्वजनिक वितरण संबंधी स्‍थायी समिति के सदस्‍य रह चुके हैं। कमलेश गोरखपुर यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट हैं।

पिता की बम मारकर हुई थी हत्या

उनके पिता ओम प्रकाश पासवान भी सियासत में थे। वह मानीराम विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे। साल- 1996 में एक चुनावी जनसभा के दौरान बम विस्फोट में उनकी मौत हो गई थी। कमलेश पासवान के छोटे भाई डॉ.विमलेश पासवान भी चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले सियासत में उतर गए। वह चरगांवा ब्लाक के प्रमुख रहे। बाद में डॉ.विमलेश पासवान ने 2017 में भाजपा के टिकट पर बांसगांव विधानसभा से चुनाव लड़ा। पहली ही बार में डॉ.विमलेश सपा की शारदा देवी को हराकर विधानसभा पहुंचे। 2022 में एक बार फिर उन्होंने जीत हासिल की और विधानसभा पहुंचे। मां सुभावती सपा सरकार में जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहीं। ओम प्रकाश पासवान के भाई चन्द्रेश पासवान भी मानीराम विधानसभा से विधायक चुने गए। भाजपा सांसद कमलेश पासवान की पत्नी रीतू पासवान वर्ष 2006 से लेकर 2012 तक नगर निगम में पार्षद भी रह चुकी हैं। 

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