Gorakhpur News: कमरे में एसी की ठंडी हवा से बढ़ गए मसल्स क्रैंप के मामले, डॉक्टरों की सलाह इतना रखें तापमान

Gorakhpur News: चिकित्सक डॉ.अखिलेश यादव का कहना है कि विटामिन ई की कमी से मसल्स क्रैंप की दिक्कतें आ रही हैं। जिनमें विटामिन ई की कमी होती है उन लोगों की मांसपेशियों कई बार फट भी जाती हैं।

Written By :  Purnima Srivastava
Update: 2024-05-27 01:59 GMT

Gorakhpur News (Pic:Newstrack)

Gorakhpur News: सूरज की लगातार बढ़ती तपिश के बीच एसी की मांग तो बढ़ ही रही है, इसके तापमान को लेकर भी बहस छिड़ गई है। तमाम घरों में एसी का तापमान 16 से 18 डिग्री सेल्सियस होने से लोगों में मसल्स क्रैंप के मामले बढ़ गए हैं। बड़ी संख्या में लोग डॉक्टरों के पास मांसपेशियों में दर्द की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। चिकित्सक उन्हें एसी का तापमान 24 से 28 डिग्री सेल्सियस रखने की सलाह दे रहे हैं।

इस समय बाहर का तापमान 40 से 44 डिग्री सेल्सियस तक रह रहा है। वहीं शरीर का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस होता है। आमतौर पर दिन में घरों या दफ्तरों में लगे एयर कंडीशनर्स का तापमान 16 से 20 के बीच रखा जा रहा है। बीते कई दिनों से रात का तापमान भी बढ़ गया है। यह 28 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। इससे राहत पाने के लिए रात में भी एयर कंडीशनर का तापमान 20 से लेकर 22 तक रखा जा रहा है। इसी तापमान में लोग सो जाते हैं। जबकि तापमान लगातार कम होता रहता है। कम तापमान में सोना ही मसल्स क्रैंप यानि मांसपेशियों की जकड़न, ऐंठन और जोड़ों के जाम का कारण बन रहा है।

चिकित्सक डॉ.अखिलेश यादव का कहना है कि विटामिन ई की कमी से मसल्स क्रैंप की दिक्कतें आ रही हैं। जिनमें विटामिन ई की कमी होती है उन लोगों की मांसपेशियों कई बार फट भी जाती हैं। शरीर में भारी दर्द (बाडीएक) भी हो जाता है। कम तापमान में सोना भी एक बड़ा कारण है। कई बार अधिक तापमान में बाहर निकलने पर भी मांसपेशियों का गणित गड़बड़ा जाता है। गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज, एम्स से लेकर जिला अस्पतालों में ऐसे मामले अधिक पहुंच रहे हैं। जानकारों का कहना है कि एयर कंडीशनर या रेफ्रीजरेटर में कूलेंट के लिए इस्तेमाल होने वाली फ्रीआन गैसें खतरनाक हैं। सांस के साथ अंदर जाने पर श्वसन तंत्र के लिए घातक हो सकती हैं। इन दिनों आर-290 और आर-32 गैस का प्रयोग ज्यादा हो रहा है। इससे नाक और गले में दिक्कत हो सकती है। एसी की सूखी हवा गले में सूखापन, जलन दे सकती है। इसे रायनाइटिस कहा जाता है।

इस लिए मांसपेशियों में हो रहा दर्द

ऐसे में देर रात को मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं। सुबह उठने पर शरीर जाम सा लगता है। पैरों और कंधों में यह अधिक महसूस किया जाता है। कई बार जोड़ों में भी तेज दर्द की शिकायत आती है। यही मसल्स क्रैंप कहा जाता है। आम भाषा में इसे मांसपेशियों का दर्द कह सकते हैं। इन दिनों यह दिक्कत भी तेजी के साथ बढ़ रही है। फिजीशियन्स से होते हुए मरीज आर्थोपेडिक तक पहुंच रहे हैं। फिजीशियन्स डॉ.संजय श्रीवास्तव बताते हैं कि रात में एयर कंडीशनर का टैंपरेचर 24 से अधिक होना चाहिए। इसे अधिकतम 28 तक रखा जा सकता है। लेकिन किसी भी दशा में एसी की सीधी हवा शरीर पर नहीं आनी चाहिए। इसका फ्लो पंखे की ओर रखना चाहिए। पंखे से टकराकर हवा पूरे कमरे को ठंडा करेगी। सीधी हवा शरीर में लगने पर मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं।

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