Chhath Puja 2024: उगते सूर्य को अर्घ्य दे पूरा किया व्रत, प्रसाद बांट किया निर्जल व्रत का पारण

Chhath Puja 2024: आसमान में लालिमा दिखाई देने पर अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया। विधि-विधान से पूजा करने के बाद महिलाओं ने संतान की लंबी आयु के साथ ही परिवार के सुख-समृद्धि की कामना कीं।

Update:2024-11-08 08:11 IST

Chhath Puja in Gorakhpur  (photo: social media )

Chhath Puja 2024: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में छठ की छटा देखते ही बन रही। पूरी तरह अद्भुत...अलौकिक। जिधर नजर जा रही , उधर आस्था का ज्वार दिखता । राप्ती तट हो या गली मोहल्ले के पोखर-तालाब। भोर से ही व्रतियों के साथ पहुंचने लगा श्रद्धालुओं का सैलाब। पौ फटने से पहले ही व्रती महिलाएं नदी-सरोवर में उतर गईं। साथ हाथ में सूपा और उसमें पूजन सामग्री। सहयोग में परिवारीजन किसी के हाथ में अर्घ्य के लिए लोटा तो कोई दीपक अगरबत्ती लेकर मुस्तैद। इस बीच रह-रहकर तेज होते... उग हे सूरज देव भिनसेरवा अरग के बेरवा... के सुर...बरबस ही आस्था की लहरों को उद्वेलित करते रहे। आखिरकार वह घड़ी भी आ गई। लालिमा सूर्यदेव के उदय होने का उद्घोष करने लगी। जैसे ही सूर्यदेव का उदय हुआ व्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया। इसके बाद छठ माता से सुख-समृद्ध और सौभाग्य की कामना की।

तड़के चार बजे ही, कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए बहंगी लचकत जाए...पहिले पहिल हम कईनी छठी मैया व्रत तोहार...ऊजे करवा जे फरेला खबद से वह पर सुग मेड़राए...उग हे सूरज देव भिनसेरवा अरग के बेरवा...आदि विभिन्न गीत गाती हुई महिलाएं घर से छठ घाट के लिए निकली। कई श्रद्धालु गाजे-बाजे के साथ घाट पर पहुंचे। सबसे पहले महिलाओं ने वेदी पर पूजा-अर्चना की। पूजा के बाद व्रती माताएं नदी और पोखरे में खड़े होकर भगवान भाष्कर के उदय का इंतजार करने लगीं। आसमान में लालिमा दिखाई देने पर अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया। विधि-विधान से पूजा करने के बाद महिलाओं ने संतान की लंबी आयु के साथ ही परिवार के सुख-समृद्धि की कामना कीं। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी कपूर-अगरबती जलाकर माथा टेका। घाट पर ही परिवार के सदस्यों में प्रसाद का वितरण किया। घर पर लौटने के बाद व्रती महिलाओं ने जलग्रहण कर व्रत का पारण किया।

सुबह-सुबह ही सड़कें हो गईं गुलजार

लोगों ने घाट से लेकर घर की छतों पर पूजा की। गोरखनाथ भीम सरोवार, सूरजकुंड धाम, मानसरोवर, राप्ती नदी स्थित रामघाट, गुरु गोरक्षनाथघाट, रामगढ़ताल, महेसरा ताल सहित शहर के सभी घाट के साथ ही घर और छतों पर व्रती महिलाओं ने छठ माता और सूर्य देव की पूजा-अर्चना किया। शहर में कई जगह अस्थाई तालाब बनाए गए थे। चारों ओर छठ गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान हुआ। सुबह-सुबह ही श्रद्धालुओं की आवाजाही से महानगर की सभी सड़के गुलजार हो गईं। पूरी रात छठ घाट रोशनी से नहाए नजर आए। विभिन्न घाटों पर व्यापारियों और सामाजिक संस्थाओं की ओर से चाय-पानी और पूजा सामग्री के स्टाल लगाए गए थे।

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