Gorakhpur: महराजगंज में पंकज चौधरी के वोटबैंक में सेंध लगाने की कांग्रेसी कोशिश, वीरेन्द्र चौधरी कितनी बड़ी चुनौती?

Gorakhpur News: महराजगंज से कांग्रेस से वीरेन्द्र चौधरी पर दांव लगाया है। वीरेन्द्र चौधरी महराजगंज जिले की फरेंदा विधानसभा से विधायक हैं।

Update:2024-03-28 08:55 IST

Pankaj Chaudhary Virendra Chaudhary  (photo: social media )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज लोकसभा सीट से केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी छह बार संसद पहुंच चुके हैं। उनके जीत में जाति (कुर्मी) के वोटों का बड़ा अहम रोल होता है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने पंकज चौधरी को इसी दांव से घेरने की कोशिश की है। महराजगंज से कांग्रेस से वीरेन्द्र चौधरी पर दांव लगाया है। वीरेन्द्र चौधरी महराजगंज जिले की फरेंदा विधानसभा से विधायक हैं।

महराजगंज लोकसभा सीट पर कुर्मी वोटरों की संख्या निर्णायक है। पिछले चार दशक में पंकज चौधरी को गैर कुर्मी प्रत्याशियों से चुनौती मिलती रही है। पहली बार ऐसा होगा कि उनके सामने सपा-कांग्रेस गठबंधन से कुर्मी जाति का कद्दावर नेता चुनौती देगा। महराजगंज लोकसभा के पिछले तीन दशक के चुनावी परिणामों पर गौर करें तो यहां के सियासी समर में बैकवर्ड व फारवर्ड के बीच ही लड़ाई रही है। पिछड़ी जाति से आने वाले पंकज चौधरी छह बार जीत हासिल कर चुके हैं। हर्षवर्धन सिंह दो बार व कुंवर अखिलेश सिंह के सिर भी एक बार जीत का सेहरा बंध चुका है। यह दोनों फारवर्ड वर्ग से आते हैं। ब्राह्मण बिरादरी का प्रत्याशी कभी इस सीट से नहीं जीत सका है। पं. हरिशंकर तिवारी, काशीनाथ शुक्ल, गणेश शंकर पाडेय व अजीत मणि लोकसभा के चुनाव में उतरे, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हो पाई। महराजगंज लोकसभा सीट पर करीब 12 लाख ओबीसी वोटर हैं। इसमें साढ़े तीन लाख अल्पसंख्यक, सवा दो लाख यादव व करीब तीन लाख कुर्मी मतदाता हैं।

वीरेन्द्र सामने कांग्रेस के स्वर्णिम अतीत को दोहराने की चुनौती

महराजगंज में 2009 में कांग्रेस आखिरी बार जीत दर्ज की थी और पूर्व सांसद हर्षवर्धन निर्वाचित हुए थे। इसके बाद लगातार दो चुनावों में कांग्रेस को जीत का स्वाद नहीं मिला और इस बार पार्टी को जीत का इंतजार है। महराजगंज में हुए 17 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को पांच बार सफलता मिली है। पार्टी ने 1962, 1967, 1980, 1984 व 2009 में जीत मिली थी। 1962 व 1967 में महादेव प्रसाद, 1980 में कांग्रेस इंदिरा से अशफाक हुसैन, 1984 में जितेन्द्र सिंह व 2009 में हर्षवर्धन कांग्रेस से विजयी हुए थे। इसके अलावा छह बार भाजपा, एक बार सपा व एक बार जनता दल के खाते में महराजगंज की सीट गई है। पिछले दो चुनावों से यह सीट लगातार भाजपा के खाते में जा रही है। 2014 व 2019 में पंकज चौधरी ने लगातार कमल खिलाया है। 2019 में भाजपा के पंकज चौधरी 726349 वोट पाकर विजयी हुए तो सपा के अखिलेश सिंह 385925 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत तीसरे स्थान पर रहीं और उन्हें 72516 वोट मिले थे।

अमर मणि के परिवार की भूमिका को लेकर लगने लगे कयास

पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और पूर्व विधायक अमन मणि त्रिपाठी पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल हुए तो उनके कांग्रेस के टिकट पर उतरने को लेकर कयास लग रहे थे। अमन मणि ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं यूपी के प्रभारी अविनाश पांडेय के सामने दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। बहुचर्चित पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र अमन मणि नौतनवां (महराजगंज) से 2017 में निर्दलीय विधायक चुने गए थे। अमन ने 2022 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था। नौतनवां से वर्तमान में निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के ऋषि त्रिपाठी विधायक हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में ऋषि ने सपा प्रत्याशी कौशल सिंह को हराया था। इस चुनाव में अमन मणि त्रिपाठी बसपा प्रत्याशी के रूप में तीसरे स्थान पर थे। अब लोग कयास लगा रहे हैं कि अमरमणि के परिवार का क्या दांव होगा। क्या अमरमणि के परिवार से किसी को लड़ाया जाएगा। चर्चा इस बात की भी है कि अमरमणि के परिवार का कोई सदस्य बसपा से भी दांव आजमा सकता है। ऐसा होता है तो पंकज चौधरी को इसका सीधा लाभ मिलेगा। लेकिन एक बात तो तय है कि कांग्रेस ने वीरेन्द्र चौधरी को मैदान में उतार कर पंकज के तय जीत में खलल तो डाल ही दिया है।

महराजगंज में निवाचित सांसद

2019-पंकज चौधरी भाजपा

2014-पंकज चौधरी भाजपा

2009-हर्ष वर्धन कांग्रेस

2004-पंकज चौधरी भाजपा

1999-अखिलेश सिंह सपा

1998-पंकज चौधरी भाजपा

1996-पंकज चौधरी भाजपा

1991-पंकज चौधरी भाजपा

1989-हर्ष वर्धन सिंह जनता दल

1984-जितेन्द्र सिंह कांग्रेस

1980-अशफाक हुसैन कांग्रेस इन्दिरा

1977-शिब्बन लाल सक्सेना जनता पार्टी

1971-शिब्बन लाल सक्सेना निर्दल

1967-महादेव प्रसाद कांग्रेस

1962-महादेव प्रसाद कांग्रेस

1957-शिब्बन लाल सक्सेना निर्दल

1952-शिब्बन लाल सक्सेना निर्दल

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