Gorakhpur News: शादी के चंद महीने में ही खटाखट टूट रहीं जोड़ियां, सात फेरों के बाद लगा रहे कोर्ट का चक्कर

न्याय दिवस विशेष: शादी के बाद सात जन्म नहीं बल्कि सात महीने में ही रिश्ते टूट जा रहे हैं। शादी के चंद महीनों में ही विवादों में उलझे करीब 10 प्रतिशत जोड़े थाने पहुंच रहे हैं।

Update: 2024-07-17 02:48 GMT

Gorakhpur News (Pic: Social Media)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में भटहट की एक लड़की ने फरवरी महीने में पसंद के लड़के से शादी की थी। परिवार वालों के विरोध के बाद भी शादी की जिद में जहरीला पदार्थ खा लिया। परिवार वाले मुश्किल में फंसे। थक हारकर शादी को राजी हो गए। शादी के चंद महीने बाद ही दोनों में लड़ाई होने लगी। अब मामला महिला थाने से होकर कोर्ट में पहुंच चुका है। जिले में तलाक का यह इकलौता मामला नहीं है। कोर्ट में लंबित आकड़े बता रहे हैं कि अब सात फेरे के बाद युवा जोड़े संबंध को लेकर संजीदा नहीं हैं। लोग छोटी-छोटी बातों का मामला लेकर थाना और कोर्ट पहुंच रहे हैं।

सात जन्म नहीं सात माह में टूट रहे रिश्ते

सात जन्मों तक साथ रहने की कसमों वाले रिश्ते छोटी-छोटी बातों पर सात महीने में ही टूट जा रहे हैं। हाल यह है कि शादी के चंद महीनों में ही विवादों में उलझे करीब 10 प्रतिशत जोड़े थाने पहुंच रहे हैं और इनमें से करीब पांच प्रतिशत कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं। इस सबका परिणाम यह है कि जिले में हर साल तलाक से जुड़े सैकड़ों मामले कोर्ट में आ रहे हैं। गोरखपुर के परिवार न्यायालय के पांच कोर्ट में तलाक के मामलों समेत 20500 से ज्यादा केस लंबित हैं। वहीं जिले के सभी न्यायालयों के मुकदमों की बात करें तो यह संख्या 2.25 लाख के करीब है।

महीला थाने में रोज दो से तीन मामलों की पंचायत

परिवारिक विवाद से जुड़े मामले की बात करें तो महिला थाने में प्रतिमाह 50 से 60 पारिवारिक विवाद के मामलों की सुनवाई होती है। महिला थाने की दरोगा बताती हैं, कुछ मामले सीधे उन तक पहुंचते हैं, तो कुछ अधिकारी भेजते हैं। सभी मामलों में तीन बार सुनवाई का मौका दिया जाता है। दोनों पक्षों की बात सुनकर काउंसिलिंग की जाती है। अधिकतर मामले सुलझ जाते हैं और परिवार टूटने से बच जाता है। जिन मामलों में समझौते से बात नहीं बनती है तब कोर्ट में मामला जाता है।

पति है नपुंसक नहीं रहना उसके साथ

महिला थाने में पहुंच रहे मामले भी अजब-गजब हैं। 50 से अधिक मामले तो ऐसे हैं जिसमें महिलाओं ने पति पर नपुसंक होने का आरोप लगा दिया है। उनका कहना है कि पति उन्हें शारीरिक सुख नहीं दे पाता है। वहीं कई मामलों में सास, ननद से लेकर जेठानी से दिक्कत की बात कह कर तलाक के आवेदन आ रहे हैं। 

Tags:    

Similar News