Gorakhpur News: प्लास्टिक पार्क में जमीन आवंटन में करोड़ों जमा कराया, एप्रोच सड़क तक नहीं बनी

Gorakhpur News: युवा उद्यमी शिवेन्द्र टेकरीवाल को प्लास्टिक पार्क में पहला आवंटन हुआ हुआ था। वह करीब 15 करोड़ के निवेश से यहां अंडरग्राउंड बिजली की पाइप का प्लांट स्थापित कर रहे हैं।

Update: 2024-07-22 13:38 GMT

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Gorakhpur News: गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने गोरखपुर-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस के सटे भगवानपुर में 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क विकसित किया है। 35 से अधिक उद्यमियों को जमीन का आवंटन भी हो गया लेकिन पार्क तक पहुंचने के लिए अभी सड़क का निर्माण ही नहीं हो सका है। पार्क में कुल तीन उद्यमियों ने जैसे-तैसे निर्माण शुरू किया है। युवा उद्यमी शिवेन्द्र टेकरीवाल को प्लास्टिक पार्क में पहला आवंटन हुआ हुआ था। वह करीब 15 करोड़ के निवेश से यहां अंडरग्राउंड बिजली की पाइप का प्लांट स्थापित कर रहे हैं। सितम्बर 2023 में आवंटन हुआ था। एप्रोच मार्ग नहीं होने से बिल्डिंग मटेरियल गिराने में दिक्कत हो रही है।बिजली का सब स्टेशन बन गया है, लेकिन कोई जिम्मेदार इंजीनियर की तैनाती नहीं है।

उद्यमी किशन बथवाल भी 100 करोड़ से अधिक का निवेश का प्लास्टिक बोरे की यूनिट लगा रहे हैं। किशन बताते हैं कि तीन महीने से अधिक समय आवंटन को हो गया है। लेकिन गीडा प्रशासन यह नहीं बता सका है कि जमीन की चौहद्दी कहां है। सड़क और अन्य सुविधाएं नहीं होने से काम शुरू करना मुश्किल है। अध्यक्ष, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज आरएन सिंह का कहना है कि प्लास्टिक पार्क के अंदर काम अच्छा हुआ है, लेकिन प्रवेश और निकास की व्यवस्था ठीक नहीं है। प्रवेश द्वार की जमीन विवादों में होने से सड़क नहीं बन सकी है। उद्योग बंधु के मामला उठने के बाद गिट्टी गिरी है, लेकिन बारिश से स्थिति ठीक नहीं है। चैंबर की मांग है कि दिक्कतों को देखते हुए उद्यमियों को समय विस्तारण शुल्क के लिए तीन साल का समय दिया जाए। मंडल अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती दीपक कारीवाल गीडा को आवंटन से पहले सुविधाएं देनी चाहिए। जिससे उद्यमी तत्कान यूनिट का काम शुरू हो सके। बैंक के साथ ही गीडा का ब्याज देने से उद्यमी यूनिट शुरू होने से पहले ही आर्थिक बोझ में दब रहा है। गीडा प्रशासन हाई-वे से लेकर पार्क तक एप्रोच मार्ग बनाए। उद्यमियों से ब्याज नहीं लिया जाए। समय विस्तारण की सीमा दो साल की जगह तीन साल किया जाए।

गीडा के नियम से दिक्कतें

प्लास्टिक पार्क में करीब 50 उद्यमियों को भूखंड का आवंटन हो गया है। प्रथम चरण में जिन 35 उद्यमियों को पिछले साल सितम्बर महीने में जमीन का आवंटन हुआ था, उन्हें अगले साल से विस्तारण शुल्क देना होगा। समय विस्तारण शुक्ल जमीन की कीमत का एक फीसदी देना होता है। शिवेन्द्र को सवा दो करोड़ जमीन की कीमत देनी है। ऐसे में दो साल के अंदर उनकी फैक्ट्री नहीं चालू हुई तो सवा दो लाख रुपये सालाना समय विस्तारण शुल्क देना होगा। चौथे साल में अधूरे फैक्ट्री पर दो फीसदी ब्याज देना होगा। बता दें कि 25 करोड़ से कम निवेश वालों को दो साल, 25 से 50 करोड़ निवेश पर तीन साल, 50 से 100 करोड़ के निवेश पर 4 साल और 100 करोड़ से अधिक का निवेश करने वालों को पांच साल का समय मिलता है।

पार्क में लगेंगी 92 फैक्ट्रियां

गोरखपुर-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे के पास भगवानपुर गांव में करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क विकसित हुआ है। पार्क बनने से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा। प्लास्टिक पार्क में 92 औद्योगिक भूखंड होंगे यानी 92 फैक्ट्रियां लगेंगी। साथ ही प्रशासनिक भवन, कॉमन फैसिलिटी सेंटर, यूटिलिटी शॉप्स और भंडारण इकाइयां भी संचालित होंगी। प्रशासनिक भवन 900 वर्गमीटर का होगा। भूतल में बैंक, कैंटीन एवं प्राथमिक चिकित्सा केंद्र होगा। प्रशासनिक भवन के प्रथम तल पर श्रमिकों के लिए डारमेट्री एवं प्रबंधकीय आवास बनेगा।

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