Gorakhpur News: एक्सीडेंट के 8 घंटे तक पुलिस करेगी ये काम तो मिलेगा 1.5 लाख का कैशलेस इलाज, लेकिन यहां हो रही लापरवाही
Gorakhpur News: सड़क हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाने बाद आठ घंटे के अंदर पुलिस इलेक्ट्रानिक्स डिटेल्स एक्सीडेंट रिपोर्ट (ईडीएआर) पोर्टल पर डालती है तो पीड़ित का डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज की सहूलियत मिल जाती है। यह योजना यूपी में सात जनवरी से लागू हुई है।;
Gorakhpur News: प्रदेश सरकार ने पिछले सात जनवरी को दुघर्टना में घायल लोगों के तत्काल इलाज को लेकर आदेश तो जारी कर दिया लेकिन इसे लागू करने में दिक्कतें हो रही है। गोरखपुर में पिछले 15 दिनों में दर्जन भर से अधिक दुघर्टना हुई, लेकिन एक भी मामले में डेढ लाख कैशलेस इलाज का लाभ नहीं मिला।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना पीडितों के कैशलेस उपचार के लिए एक योजना तैयार की है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने 7 जनवरी को पत्र लिखकर इस योजना से अवगत कराया है। योजना के तहत अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए दुर्घटना पीड़ित को 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को योजना के कार्यान्वयन के लिए नामित एजेंसी बनाया गया है। सूचीबद्ध अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध होगी। लेकिन योजना का लाभ दिलाने के लिए पीड़ित को अस्पताल पहुंचाए जाने के आठ घंटे के अंदर पुलिस की ओर से इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (एडीएआर) पोर्टल पर अपलोड किया जाना आवश्यक है।
पुलिस नहीं दिला सकी लाभ
सड़क हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाने बाद आठ घंटे के अंदर पुलिस इलेक्ट्रानिक्स डिटेल्स एक्सीडेंट रिपोर्ट (ईडीएआर) पोर्टल पर डालती है तो पीड़ित का डेढ़ लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज की सहूलियत मिल जाती है। यह योजना यूपी में सात जनवरी से लागू हुई है। योजना लागू होने के बाद से बीते 15 दिनों में एक दर्जन से ज्यादा दुर्घटनएं हो चुकी हैं, पर किसी भी मामले में पुलिस पीड़ित को लाभ नहीं दिला पाई है। कुछ पुलिसवालों को अभी इसकी जानकारी ही नहीं है तो कुछ रिपोर्ट समय से अपलोड नहीं कर पा रहे हैं।
एडीएआर रिपोर्ट के बाद मिलेगा लाभ
मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ित का लाभ एवं योजना के उचित कार्यान्वयन के लिए पुलिस द्वारा प्रारंभिक पुष्टि अनिवार्य है। यदि कोई पीड़ित, पुलिस सहायता के बिना अस्पताल पहुंचता है तो अस्पताल टीएमएस पोर्टल पर एक अनुरोध तैयार करेगा और सड़क दुर्घटना पीड़ित की पुष्टि के लिए सम्बन्धित पुलिस क्षेत्राधिकारी को भेजेगा, इस दौरान अस्पताल उपचार प्रदान करेगा। पुलिस अधिकारियों को आठ घंटे के भीतर एडीएआर पर अपना जवाब देना होगा। समय सीमा के अंदर जवाब मिलने पर कैशलेस इलाज की सहूलियत मिल जाती है।