Gorakhpur News: सामाजिक ताने बाने के बिगड़ने से शहर-शहर ‘सुभाष’, दहेज उत्पीड़न के कानून की समीक्षा की उठने लगी मांग
Gorakhpur News: गोरखपुर में दहेज उत्पीड़न के तीन साल में दर्ज मामलों को देखें तो इस साल नवम्बर तक महिला उत्पीड़न के 914 केस दर्ज हुए।;
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में तैनात एक शिक्षक की पांच साल पहले शादी हुई। सुहागरात के दिन पत्नी ने पति से कहा, मुझे छूना नहीं। मेरे ऊपर देवी की आत्मा आती है। इसके बाद शिक्षक ने पत्नी के परिवार वालों से शिकायत की। परिवार वालों ने एक नहीं सुनी और दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया। अब तलाक के बाद शिक्ष्रक को हर महीने गुजारा भत्ता देना पड़ रहा है। जबकि शिक्षक पति का दावा है कि पत्नी अवैध संबंध में सब नाटक करती है।
इस मामले में कितनी हकीकत है, कितना फसाना ये तो पति-पत्नी और परिवार वाले ही जानते होंगे लेकिन बंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी के बाद ऐसे मामलों पर लोग खुलकर बातें कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि लड़कियों के उत्पीड़न के मामले तो अधिक हैं ही, लेकिन सभी मामलों में लड़का ही दोषी है, ऐसा भी नहीं है। ऐसे में दहेज उत्पीड़न के मामले में समीक्षा की मांग उठने लगी है। गोरखपुर के कैंपियरगंज क्षेत्र का मामला भी फिर सुर्खियों में आ गया है। यहां महिला की शादी चार साल पूर्व हुई थी। उसे घूमना-फिरना काफी पसंद था। लेकिन पति की माली हालत ऐसी नहीं थी वह ज्यादा खर्च कर सके। बात इस कदर बिगड़ी कि शिकायत कैंपियरगंज थाने पहुंची। वहां से प्रकरण परिवार परामर्श केंद्र में चला गया। इस प्रकरण में भी पति पर बाइक मांगने, रुपये लाने का दबाव बनाने सहित अन्य आरोप लगाए गए थे।
मोबाइल पर बात करने से टोका तो दहेज उत्पीड़न में फंसाया
परिवार परामर्श केंद्र पर दो हफ्ते पूर्व एक मामला आया। इसमें विवाहिता ने पति सहित ससुरालियों पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया। महिला की शादी 12 साल पूर्व हुई थी। काउंसलर ने जब महिला के पति से बात की तो सामने आया कि वह किसी से मोबाइल पर बात करती थी। इसको लेकर पति ने डांटा तो वह नाराज हो गई। इसके बाद मामला दहेज उत्पीड़न तक पहुंच गया। छह जून 2024 की रात में गुलरिहा क्षेत्र के जंगल मोहम्मद बरवां निवासी मोनू उर्फ महेंद्र ने खुदकुशी कर ली थी। मौत से पहले उसने एक वीडियो बनाया था जिसमें कहा था ‘जज साहब’ मुझे सजा मिल गई, पिता जी बुजुर्ग हैं उन्हें छोड़ दीजिए। वीडियो में मोनू ने बताया है कि उसके ऊपर एक लड़की ने दुष्कर्म का केस कराया है। वह इस केस में जेल भी जा चुका है।
नहीं कम हो रहे दहेज उत्पीड़न के मुकदमे
गोरखपुर में दहेज उत्पीड़न के तीन साल में दर्ज मामलों को देखें तो इस साल नवम्बर तक महिला उत्पीड़न के 914 केस दर्ज हुए। हालांकि 2023 में यह संख्या 781 और 2022 में 625 थी। वर्ष 2024 में अब तक 28 दहेज हत्या हो चुकी है, जबकि 2023 में यह संख्या 33 थी और 2022 में भी 28 रही। परिवार परामर्श केंद्र से जुड़े अधिवक्ताओं का कहना हैं कि अभी भी 50 फीसदी से अधिक मामलों में पुरूष की तरफ से गलती दिखती है। लेकिन महिलाओं द्वारा कानून का बेजा इस्तेमाल का मामला भी खूब आ रहा है। ससुराल में सामंजस्य बिठा पाने में नाकाम, पूर्व के रिश्तों को नहीं भूल पाने, दूसरी महिलाओं की देखा-देखी पति और परिवार से अपेक्षा करने सहित कई कारण हैं। इनमें ऐसे आवेदक भी शामिल होती हैं, जिनकी शादी को 10 से 12 साल गुजर चुके हैं लेकिन वह भी दहेज की मांग को लेकर उत्पीड़न की बात कहते हुए कार्रवाई की मांग करती है।